उत्तराखंड बनेगा हर घर जल राज्य

18 Jun 2020
0 mins read
उत्तराखंड बनेगा हर घर जल राज्य
उत्तराखंड बनेगा हर घर जल राज्य

सरकार अगले चार वर्षों में देश भर के हर गाँव के हर घर तक पर्याप्त मात्रा में साफ पानी पहुंचाने के लिए कृतसंकल्प है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को लिखे पत्र में आश्वस्त किया  है कि केंद्र सरकार  उत्तराखंड को 2023 तक ‘हर घर जल राज्य’ बनाने में पूरा सहयोग देगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार जल जीवन मिशन के अंतर्गत आम जन का जीवन बेहतर बनाने के इस महत्वपूर्ण अभियान में राज्यों की पूरी मदद कर रही है।

भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार जल शक्ति मंत्री ने पत्र में बताया कि उत्तराखंड को हर घर में नल से जल पहुंचाने की इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए इस वित्त वर्ष में केंद्र की ओर से 362.57 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह राशि वर्ष 2019-20 में इस कार्य के लिए दी गई 170.53 करोड़ के दोगुने से भी अधिक है। पत्र में बताया गया है कि इस अभियान के लिए राज्य सरकार के पास इस समय इस अभियान के लिए 480.44 करोड़ की बड़ी राशि उपलब्ध है जिसमें राज्य सरकार का अंशदान और पिछले वर्ष उपयोग न लाई जा सकी राशि शामिल है। 

पत्र में राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि इस कार्य के लिए आबंटित राशि का पूरी पारदर्शिता, जवाबदेही और मुस्तैदी के साथ सम्पूर्ण उपयोग किया जाए ताकि राज्य 2023 तक हर घर तक नल के जरिए निरंतर और पर्याप्त मात्रा में पीने का स्वच्छ जल पहुँचाने के लक्ष्य को हासिल कर सके।

राज्य में पिछले वर्ष इस अभियान के लिए उपलब्ध राशि का पूरा उपयोग न हो पाने पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री शेखावत ने इस बात पर बल दिया है कि राज्य में जल-आपूर्ति की योजना और कार्यान्वयन की समुचित समीक्षा और निगरानी की व्यवस्था हो। पत्र में इस बारे में अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं जो इस प्रकार हैं –

  • चूंकि यह योजना केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समतुल्य राशि उपलब्ध तथा व्यय किए जाने पर आधारित है, अतः बिना देरी के योजना लागू करने वाले विभाग/ एजेंसी  को उचित समय पर केंद्र और राज्य द्वारा देय राशि जारी करना सुनिश्चित किया जाए और घरों तक नल से पानी पहुंचाने की प्रगति का अद्यतन लेखा-जोखा रखा जाए। राज्य सरकार द्वारा ऐसे नल लगाए जाने और केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई समतुल्य रकम के उपयोग के प्रमाणपत्र के आधार पर ही केंद्र सरकार द्वारा चार किश्तों में राशि दी जा सकेगी।
  • खर्च पारदर्शिता और ठीक से किया जाना सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्राप्त राशियों को 15 दिन में एक नोडल खाते में डाल कर  सार्वजनिक वित्त निगरानी प्रणाली ( पीएफ़एमएस) के जरिए इसका व्यय किया जाए और विभागीय एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईएमआईएस) में इसके  भौतिक और वित्तीय विवरण दर्ज किए जाएँ।
  • स्थायी रूप से स्थानीय लोगों की पूरी भागीदारी और सहयोग से सभी को घर पर पेयजल सुनिश्चित करने के बड़े उद्देश्य की पूर्ति के लिए पंचायतों /स्थानीय समुदायों/ कमेटियों का योजनाओं के निर्माण, निगरानी, प्रबंधन और रख-रखाव में पूरा योगदान सुनिश्चित किया जाए। गाँवों के लोगों द्वारा ही ग्रामीण कार्य  योजनाएँ बनाईं जाएँ जिनके लिए  विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत उपलब्ध संसाधनों का पूरे ताल-मेल से इस्तेमाल किया जाए।  ऐसे प्रयास किए जाएँ कि रख-रखाव  किफ़ायती और आसान हो ताकि स्थानीय लोग ही व्यवस्थाओं को चला सकें और सभी को आसानी से और पर्याप्त पेयजल घर पर स्थायी रूप से मिलता रहे।
  • वित्त आयोग के अनुदान, स्वच्छ भारत मिशन, अन्य योजनाओं तथा हर स्तर पर उपलब्ध कार्यक्रमों/निधियों  के तहत मिली राशियों का भी ‘हर घर जल गाँव’ बनाने के अभियान में सुनियोजित इस्तेमाल हो।
  • समाज के वंचित वर्गों, अनुसूचित जातियों/जनजातियों वाले गांवों को प्राथमिकता देते हुए अभियान की तरह यह योजना चलाई जाए ताकि जल्दी से जल्दी इन गाँवों को ‘हर घर जल गाँव’ बनाया जा सके। जल जीवन मिशन के दिशा-निर्देशों की प्राथमिकताओं के अनुरूप पानी की कमी वाले, एसपिरेसनल जिलों, अनुसूचित जातियों /जनजातियों वाले गाँवों को प्राथमिकता दी जाए।
  • राज्य की नल के जरिये पानी पहुँचने वाली जो  पुरानी करीब 30 प्रतिशत योजनाएं अधूरी पड़ी हैं, उनके तहत पानी पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए।
  • कोविड-19 के वर्तमान अनुभव के बाद घर पर ही पानी मिलने की योजनाओं की सफलता से दैहिक दूरी भी सुनिश्चित हो सकेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार तथा सशक्तीकरण के अवसर भी बढ़ेंगे।
  • जल शक्ति मंत्री ने उत्तराखंड को स्थायी रूप से ‘हर घर जल राज्य’ बनाने के लिए  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से निरंतर संपर्क जारी रखने का आश्वासन दिया।
Posted by
Attachment
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading