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Vuler Lake in Hindi / वुलर झील

कश्मीर के उत्तरी क्षेत्र में झेलम नदी से लगभग 1,578 मीटर उठान पर वुलर झील स्थित है, जो एशिया में ताजा मीठे पानी की सबसे लम्बी झील मानी जाती है। सामान्यतः इसका क्षेत्रफल 30 वर्ग किलोमीटर है, पर झेलम में बाढ़ आने पर वुलर 260 वर्ग कि.मी. तक फैल जाती है।

वुलर संस्कृत के उल्लोल शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है-ऊंची लहरों वाली झील। ये लहरें दोपहर तक शांत रहती है लेकिन दोपहर के बाद उग्र रूप धारण कर लेती हैं। यदि हवा का रूख नागा मार्ग से हो तो तीव्रता का जोर देखते ही बनता है। तब इन्हें 'नागाकौन' कहा जाता है। झील की अधिकतम गहराई 'शुकरुदीन' की ओर है जिसे 'माताखोन' कहा जाता है, अर्थात, लाशों की खाड़ी, क्योंकि लहरें इस स्थान पर मृत शरीरों को आत्मसात कर लेती हैं। इस झील का सबसे मोहक स्थान है 'सदर कोट'। इस स्थान पर नाव द्वारा सुगमता से पहुंचा जा सकता है। यहीं पुराने किले के भग्नावशेष देख कर मन रोमांचित हो उठता है।

झील से कुछ दूरी पर ही 'गरुर' गांव में गंधक का झरना है। यह झरना देवी गौरी को समर्पित है। ऋद्धालुओं द्वारा इस झरने में रविवार के दिन स्नान किया जाना शुभ माना जाता है। बसंत ऋतु में सुनहरी सरसों की आभा से पीतवर्ग गलीचा का अहसास सुखद लगता है। यहां पहाड़ी मैना और बुलबुलों को गाते हुए देखा जाता है। वुलर झील की यात्रा का आनंद, सड़क द्वारा या नदी द्वारा शिकारों में बैठकर प्राप्त किया जा सकता है। हाउस बोट भी यहां ले जाए जा सकते हैं क्योंकि झेलम नदी इस झील में गिरकर अग्रसरित होती है। कश्मीर की जलापूर्ति के लिए भी यह उपयुक्त है। गहरे हरे पानी के बीच से फूटते फव्वारे इसके सौंदर्य को द्विगुणित कर देते हैं। स्थान-स्थान पर द्वीपों में मस्जिद के मेहराब, भग्नावशेष और खंभे अपने स्वर्णिम समय की कहानी कहते नजर आते हैं। अर्धचंद्राकार रूप से घिरी वुलर झील कहीं-कहीं पांच मीटर तक गहरी है।

अन्य स्रोतों से:

वूलर लेक (लाइव हिन्दुस्तान से)


सबसे बड़ी फ्रेश वॉटर लेक

कश्मीर से 50 किलोमीटर की दूरी पर झेलम नदी से लगी इस लेक के लिए पर्यटक सामान्य तौर पर एक ही दिन का कार्यक्रम बनाते हैं और डे टूर के बाद वापस श्रीनगर आ जाते हैं। लेकिन जिन पर्यटकों की झीलों में गहरी रुचि होती है, वे भारत के सबसे बड़ी फ्रेश वॉटर लेक के रूप में प्रसिद्ध इस लेक के पास ज्यादा समय बिताना पसंद करते हैं।

लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैली इस लेक में बोटिंग व अन्य सुविधाएं तो हैं ही, जम्मू-कश्मीर टूरिज्म द्वारा रहने आदि की भी काफी अच्छी व्यवस्था की गई है। इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में खासी लोकप्रियता मिली हुई है। इस कारण जो भी पर्यटक खासकर जून से अगस्त के बीच कश्मीर पहुंचते हैं, एक दिन यहां के टूर की योजना जरूर बनाते हैं। खासकर रचनात्मक व्यक्ति के लिए भीड़ से अलग इस विशाल लेक के पास ठहरना अलग ही अनुभव होता है, क्योंकि यहां चलने वाली हवा उनकी रचनात्मकता को गति तो प्रदान करती ही है, स्वास्थ्य की दृष्टि से भी मन को खूब भाती है। इस लेक के पास बारामूला, बांदीपुर, शादीपुर, सोपुर आदि को देखना भी पर्यटकों को खूब पसंद आता है।

महज हरित क्षेत्र बन गयी है वुलर झील : रमेश


नयी दिल्ली : कभी ऐशिया की सबसे बडी मीठे पानी की झील रही कश्मीर की वुलर झील अब महज हरित क्षेत्र रह गयी है और इससे चिंतित सरकार ने उसे पांच से 10 वर्ष के भीतर नया जीवन देने के लिये कोशिशें शुरू कर दी हैं.पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि वुलर झील के लिये सरकार ने बड़ी पहल शुरू की है.

मंत्री ने कहा कि इसके तहत झील के आसपास 1980 के दशक में बाढ नियंत्रण के उपाय के तहत लगाये गये विलो के करीब 20 लाख पेडों को हटाया जायेगा. वहां जलाशय निर्मित करने के लिये ऐसा किया जायेगा. इसमें पांच से 10 वर्ष लगेंगे.यह झील 1,580 मीटर की उंचाई पर स्थित है और 16 किलोमीटर लंबी तथा 10 किलोमीटर चौडी है.

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बाहरी कड़ियाँ:

विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia):

संदर्भ: