अब आया इको फ्रेंडली होम का रिवाज

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इकोफ्रेंडली हाउस को लेकर लोगों में इस कदर उतावलापन नजर आ रहा है कि देखते ही देखते इस तरह के घरों ने फैशन का रूप ले लिया है। ऐसे घरों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाला मैटीरियल व टेक्रोलॉजी की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। तेजी से फलता-फूलता यह व्यापार हमारे देश में भी अपनी पकड़ बना रहा है। ‘रेजीडेंशियल व कॉमर्शियल’ दोनों ही इलाकों में बिल्डर ग्रीन पिंरसिपल के आधार पर उन तमाम तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो इको फ्रेंडली इन्वायरमेंट के लिए जरूरी हैं। बिल्डरों के प्रोजक्ट में वॉटर हार्वेस्टिंग से लेकर वेस्ट मैनेजमेंट तक के उपाय किये जा रहे हैं। बिल्डर इकोफ्रेंडली इमारतों के निर्माण में सीमेंट, ईंट, टाइल्स और स्टील की जगह बांस से बने उत्पाद रिसाइकिल अलमोनियम और अन्य ग्रीन रूफिंग प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा तकनीकी स्तर पर भी ग्रीन होम के निर्माण के लिए विकल्पों का उपयोग किया जा रहा है।

इकोफ्रेंडली इमारतों व घरों के निर्माण से पहले एक ऐसे आर्किटेक्चर की जरूरत होती है जो लंबे समय तक टिका रहे। बिल्डिंग और घरों में रहने वाले लोग इस बात पर विश्वास करते हैं कि वह जमीन और प्रकृति के हितैषी हैं और वह अपने घर में जिन चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे वातावरण को नुकसान नहीं पहुंचाएंगी। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए इकोफ्रेंडली घरों में ऊर्जा की खपत को कम करने वाले उपकरण लगाए जाते हैं। साथ ही ऐसे संयंत्र इस्तेमाल किये जाते हैं जिनमें मेंटीनेंस का खर्च न के बराबर हो। ऊर्जा के स्रोतों मे सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाता है। इससे न ही बिजली का बिल आता है और न ही वातावरण को कोई नुकसान पहुंचता है। प्राकृतिक स्रोतों से ही ऐसे उपाय सोच लिये जाते हैं जो इनसानी जरूरतों को पूरा कर सकें।

इकोफ्रेंडली घरों में खिड़कियों को ऐसी दिशा में व्यवस्थित किया जाता है जिससे ज्यादा से ज्यादा रोशनी और हवा घर के भीतर प्रवेश कर सके और ऊर्जा की बचत की जा सके। इस तरह के घरों का निर्माण करने वाले बिल्डर, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, सोलर वॉटर हीटिंग सिस्टम, सीवेज ट्रीटमेंट प्लान आदि तरीकों पर भी निर्माण करते हैं। इकोफ्रेंडली हाउस में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिये बारिश के पानी को संरक्षित किया जाता है। घरों में गीजर तो होते हैं लेकिन सोलर वॉटर हीटिंग सिस्टम पर आधारित। सीवेज ट्रीटमेंट प्लान के जरिये घर से निकलने वाले कचरे को रिसाइकिल करके इसे जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और सहयोगियों के बीच जब आप अपने इकोफ्रेंडली घर की चर्चा करेंगे तो लोग न सिर्फ आपसे प्रेरित होंगे बल्कि इससे सोसायटी में आपका स्टैंडर्ड भी हाई हो जाएगा। इकोफ्रेंडली होम्स की सुविधा में हर्बल गार्डन और ग्रीन स्पेस की सुविधा भी रहती है। यह घर आपकी जेब के आधार पर मुफीद तो होते हैं इसके अलावा इनमें आप समय-समय पर अपनी इच्छानुसार बदलाव भी करवा सकते हैं घर के भीतर ही रेफ्रीजरेशन की ऐसी सुुवधा उपलब्ध रहती है कि एसी या पानी को ठंडा रखने के लिए फ्रिज की भी जरूरत नहीं पड़ती। इनबिल्ड रेफ्रीजरेटर की सुविधा से लैस यह इकोफ्रेंडली होम वाकई लाजवाब होते हैं। इन घरों का फर्श प्राकृतिक पत्थरों से बनाया जाता है। इसके अलावा घरों में फर्नीचर बनाने में जो लकड़ी लगती है वह रबड़, बांस व बबूल के पेड़ों से काटकर लाई जाती है। यह पेड़ बिना किसी संरक्षण के आसानी से उग जाते हैं इसलिए इन्हें काटना वातावरण को नुकसान कम पहुंचाता है।

इकोफ्रेंडली होम सिर्फधन की बचत नहीं करते बल्कि प्राकृतिक सौंदर्र्य का अनोखा अनुभव भी कराते हैं। आर्किटेक्ट की मदद से इन घरो़ को ऐसे व्यवस्थित किया जाता है ताकि गर्मियों मे यह ठंडे रहें और सर्दियों में गर्म। ग्रीन आर्किटेक्चर से हर प्रकार के मकान को बनाने की लागत 25 प्रतिशत तक कम हो जाती है इकोफ्रेंडली कंस्ट्रक्ïशन से धन की तो बचत होती ही है साथ ही इसमें लगने वाला समय भी काफी कम होता है। लकडिय़ों के विकल्प के रूप में जूट व प्लास्टिक के कचरे का भी उपयोग किया जा सकता है। एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार इस तरह के घरों का निर्माण करके ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन 40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
 

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