अखिलेश यादव की पहल पर मनेगा जल सप्ताह

Published on
2 min read

जिस उत्साह व प्रकार से इस जल सप्ताह के कार्यक्रम को जारी किया गया है अगर उसे उसी उत्साह व प्रकार से मनाया गया तो यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

यूवा व नई सोच के व्यक्तित्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पर्यावरण के मुद्दों को लेकर उम्मीद की जा रही थी, उसकी कुछ झलकियां दिखनी प्रारम्भ हो चुकी हैं। उत्तर पद्रेश की पर्यावरण नीति लगभग तैयार है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार 16-22 जुलाई, 2012 तक जल सप्ताह मनाने जा रही है। जल सप्ताह राज्य के सभी जनपदों में मनाया जाएगा, जिसके तहत जल संबंधी विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इसका उद्देश्य जल के मुद्दों पर चिंतन करके समाज के साथ बैठकर उसके समाधान तलाशना होगा।

उत्तर प्रदेश के लिए इस प्रकार से जल सप्ताह मनाना एक नया अनुभव होगा, क्योंकि यह एक अंतर्राष्ट्रीय शैली है। स्वीटजरलैंड में प्रत्येक वर्ष वर्ल्ड वाटर वीक मनाया जाता है। भारत में भी टेरी द्वारा प्रत्येक वर्ष इंडिया वाटर फोरम का आयोजन किया जाता है जबकि वर्ल्ड वाटर काउंसिल प्रत्येक तीसरे वर्ष वर्ल्ड वाटर फोरम का आयोजन करती है। ये जितने भी जल आधारित अंतर्राष्ट्रीय आयोजन आयोजित किए जाते हैं इनमें पानी का बाजार अधिक ढूंढा जाता है उत्तर प्रदेश सरकार के जल सप्ताह के कार्यक्रम से फिलहाल ऐसा महसूस नहीं हो रहा है।

उत्तर प्रदेश में इस आयोजन के दौरान जनपद, तहसील, ब्लॉक व गांव के स्तर पर जल जागरूकता हेतु रैली, पदयात्रा, गोष्ठियां, प्रतियोगिता व प्रदर्शन जैसे कार्य किए जाएंगे। इसके लिए दीवार लेखन, होर्डिंग्स, पर्चे, प्रस्तुतीकरण व फलैक्स आदि की व्यवस्था की जा रही है। जलपद के प्रत्येक विभाग को जल संबंधी कुछ न कुछ कार्य अवश्य दिया गया है तथा इस कार्यक्रम का संचालन जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी को सौंपा गया है। इसमें गैर-सरकारी संगठनों को भी साथ में जोड़ा जा रहा है। जो किसान कम पानी की तकनीकों (स्पिंरक्लर सिस्टम, रेन गन व ड्रिप इररीगेशन) का इस्तेमाल अपने कृषि कार्यों के लिए कर रहा है उसे पुरस्कृत भी किया जाएगा।

जिस उत्साह व प्रकार से इस जल सप्ताह के कार्यक्रम को जारी किया गया है अगर उसे उसी उत्साह व प्रकार से मनाया गया तो यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होगा। लेकिन अगर मात्र खानापूर्ति की गई तो इससे बड़ा दुर्भाग्य इस राज्य का कुछ नहीं होगा।

जल सप्ताह के माध्यम से पूरे राज्य में जहां समाज को लाभ होगा वहीं सरकारी कर्मचारियों में भी जागरूकता आना स्वाभाविक है। क्योंकि इस क्रम को प्रत्येक वर्ष बनाये रखने का प्रयास भी होना चाहिए। इससे इस महत्वपूर्ण विषय पर चेतना का संचार अवश्य होगा, जोकि वर्तमान में अति आवश्यक भी है। जिस प्रकार से जल की कमी हो रही है तथा उसमें प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है तो ऐसे में हमें इस विषय को अत्यंत गंभीरता से लेने का आवश्यकता है।

संबंधित कहानियां

No stories found.
India Water Portal - Hindi
hindi.indiawaterportal.org