बाढ़ प्रबंधन में तटबंध की विवादास्पद भूमिका

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बाढ़ प्रबंधन के संरचनात्मक उपायों में तटबंध का महत्वपूर्ण स्थान सुरक्षित है। फिर भी अपनी कई मूलभूत कमियों के कारण शुरू से ही इसकी उपयोगिता विवादास्पद रही है। इन कमियों में कुछ मानवीय कमियां या क्रियाओं यथा तटबंध का उचित रखरखाव का अभाव, तटबंध बनाने की गलत योजना या स्लूइस इत्यादि संरचनाओं के यथोचित यथास्थान निर्माण या रखरखाव के अभाव से अत्यधिक वृद्धि हुई है तथा इनकी कई प्रभावी उपयोगिताओं पर प्रश्न चिह्न लग गया है। इससे कई जगहों में आज इस बात की जरूरत महसूस की जाने लगी है कि इन अप्रभावी तटबंधों को हटा दिया जाना चाहिए। ऐसे तटबंधों से फायदे की जगह-नुकसान ज्यादा हो रहा है अन्यथा, इसको प्रभावी बनाने का समुचित उपाय किया जाये। इस लेख में ऐसे ही कुछ पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।

बाढ़ से सुरक्षा की जरूरत मानव ने अपनी अस्तित्व रक्षा के लिए शुरू से ही महसूस की होगी। खासकर प्राचीन सारी सभ्यताएं उपजाऊ नदी घाटियों में विकसित हुई थी। इसलिए इन सभ्यताओं में बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करने वाली कई संरचाओं के भग्नावशेष है। इन अवशेषों में तटबंध की प्रमुखता है। कई सौ वर्ष पहले दक्षिण के कृष्णा, कावेरी तथा गोदावरी के द्रोणी क्षेत्र में (डेल्टाइक रिजियन) बड़े पैमाने पर तटबंध का निर्माण हुआ, इनमें से कुछ आज भी अस्तित्व में हैं तथा इस क्षेत्र की लाभदायक सेवा कर रहे हैं। गंगा के मैदानी क्षेत्रों में भी पुराने तटबंधों के अवशेष कहीं-कहीं दृष्टिगोचर होते हैं जिससे बाढ़ से सुरक्षा कार्यक्रमों का लंबा इतिहास हासिल होता है। ब्रिटिश काल में भी बिहार, बंगाल, उड़ीसा तथा दक्षिण में आंध्र प्रदेश में सरकार तथा जनता द्वारा व्यक्तिगत तौर पर बनाये गये तटबंध की एक लंबी सूची है।

बाढ़ प्रबंधन तथा निर्माण करीब-करीब पर्यायवाची शब्द समझने जाने लगे हैं। किसी नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बाढ़ प्रबंधन कार्य करने का मतलब तटबंध निर्माण से लिया जाता है। वस्तुतः तटबंध बाढ़ प्रबंधन का एक सस्ता सरल तथा अति शीघ्र बन जाने वाला एक संरचनात्मक उपाय है। बाढ़ के पानी का अवांछित स्थलों में प्रसार रोकने का इससे अच्छा कोई अन्य उपाय नहीं है। इसलिए अमेरिका जैसे देशों में इसे बाढ़ प्रबंधन का एक अस्थायी साधन माना जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य बाढ़ के पानी का प्रसार रोकना है; लेकिन तटबंध समुचित योजना, उचित अभिकल्प (डिजाइन), उपयुक्त निर्माण तथा संतोषप्रद रखरखाव के बिना साधारणतया बाढ़ समस्या को विकराल बनाता रहा है।

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