लेख
बिन पानी सब सून
जल में उतपति जल में बास
कबीरदास
सिमटि सिमटि जल भरहिं तलावा
तुलसीदास
पानी पर लिखी करुण कविता
प्रभाकर श्रोत्रिय
धरती के पास बैठ कुछ कर लें
राजेन्द्र सिंह
पानी पर विचार करना होगा
-अनिल कुमार
गंगा-जमुना दोआब देश की रूह है
-अरुण कुमार
पानी को बांटने से बचाएं
-जया मित्रा
पूरी विरासत दांव पर
-उमेन्द्र दत्त
ग्लोबल वार्मिंग एक बड़े संकट ही तरह है
-योगेन्द्र प्रसाद