भारतीय को मिला संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान
असम की प्रमुख संरक्षणवादी पूर्णिमा देवी बर्मन को 2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान, 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' से सम्मानित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने मंगलवार को घोषणा की कि एक वन्यजीव-जीवविज्ञानी बर्मन ने विभिन्न देशों के चार अन्य लोगों के साथ पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने और रिवर्स करने के लिए अहम योगदान दिया है जिसके लिए उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है ।
ग्रीन ऑस्कर विजेता पूर्णिमा देवी बर्मन ने हरगिला (पक्षी के लिए असमिया नाम) सेना' नामक एक जमीनी संरक्षणवादी महिला समूह बनाकर धेनुक (ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क) पक्षी के अस्तित्व को बचने के लिए लगभग दो दशकों तक प्रयास किया है।
यह पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में दिया जाता है उन्हें यह पुरस्कार "हरगिला सेना" का नेतृत्व करने के लिए 'एंटरप्रेन्योरियल विजन श्रेणी' में मिला है ।समूह की महिलाएं पक्षी के रूपांकनों के वस्त्र बनाती और उसे बेचती भी हैं, जिससे उनकी वित्तीय आपूर्ति तो पूरी होती ही है साथ ही लोगों में पक्षी की प्रजातियों के बारे में जागरूकता भी बढ़ती है।
देवी बर्मन ने पीटाई को दिए गए अपने साक्षत्कार में कहा
"सम्मान बहुत बड़ा है और मेरे लिए एक सपने का सच होने जैसा है मैं यह पुरस्कार धरती माता और धरती की सभी माताओं को समर्पित करती हूं क्योंकि सबसे अच्छी शिक्षा घर में मां की गोद में शुरू होती है' ।
उन्होंने कहा परियोजना का संरक्षण मातृत्व और हरगिला सेना पर केंद्रित है महिलाएं अंडे को सेकने से पहले और चूजों के पैदा होने के बाद भी गोद भराई का काम करती है, सभी कार्यकर्ता माताएं और गृहिणियां हैं जो विलुप्त होने कगार पर पहुंचे चुके धेनुक (ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क) प्रजातियों के पक्षी के संरक्षण में बड़ा योगदान दे रही है । उन्होंने कहा, "रास्ते में कई चुनौतियां हैं लेकिन हमने एक सामुदायिक आंदोलन बनाया है जिसे हम लोगों की मदद से आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।"
यूएनईपी चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ' उन व्यक्तियों, समूहों और संगठनों को सम्मानित किया जाता है जिनके कार्यों का पर्यावरण पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ता है। वार्षिक चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड का सम्मान सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र के उत्कृष्ट अग्रणियों को दिया जाता है ।
'नैरोबी में चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ 2022'की घोषणा करते हुए यूएनईपी के कार्यकारी निदेशक इंगर एंडरसन ने कहा कि इस वर्ष का पुरस्कार एक संरक्षणवादी, एक उद्यम, एक अर्थशास्त्री, एक महिला अधिकार कार्यकर्ता और एक वन्यजीव-जीवविज्ञानी को पारिस्थितिकी तंत्र की दूरदर्शा सुधरने के परिवर्तनकारी पहल के लिए सम्मानित किया जाता है
पूर्णिमा देवी बर्मन के अलावा लेबनान के पर्यावरण उद्यमी आर्सेनियल, पेरू के कॉन्स्टेंटिनो (टिनो) औक्का चुटा को भी यह सम्मान दिया गया हैं, जो एक स्थानीय समुदाय द्वारा संचालित सामुदायिक वनीकरण मॉडल का नेतृत्व करते है। वही विज्ञान और नवाचार श्रेणी में यूके के सर पार्थ दासगुप्ता और कैमरून के सेसिल को भी यह सम्मान मिला हैं। बेट बिबियन एनडीजे को भूमि संरक्षण में अफ्रीका महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने के लिए सम्मानित किय गया है ।