भूमि को प्रदूषण से बचाने की करें शुरूआत

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विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यावरण में बदलाव के कारण भारत में चावल और गेहूं की ऊपज में कमी आयेगी। पर्यावरण में हो रहे बदलाव के परिणाम स्वरूप प्राकृतिक आपदाओं में बढ़ोतरी होगी और इसकी सबसे गहरी चोट गरीबों पर पड़ेगी।

स्वस्थ, उर्वर व अच्छी मिट्टी मनुष्य के लिए अनमोल उपहार है। इसके बिना मनुष्य के अस्तित्व की कल्पना नहीं कर सकते। पर, तुरंत लाभ पाने व भविष्य के बारे में सोचे बिना हम अपनी मिट्टी को प्रदूषित कर रहे हैं। उसी मिट्टी को जिसे हम धरती मां भी कहते हैं और खुद को धरती पुत्र कहलाने में गौरव का अनुभव करते हैं। मिट्टी को प्रदूषण व क्षरण से बचाने की जिम्मेवारी पंचायत निकाय पर भी है। हम यहां कुछ ऐसे उपायों पर चर्चा कर रहे हैं, जिससे मिट्टी को सुरक्षा संभव है।

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