चेन्नई से सबक लेकर पानी का सरंक्षण जरूरी

पानी की समस्या देशभर में लगातार बढ़ रही है चाहे वो मैदानी क्षेत्र हो या पहाड़ी क्षेत्र हर जगह पानी की समस्या से लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है अभी हाल ही में भूमिगत पानी को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है किपूरे देश में भूमिगत जल समाप्त होने के मामले में चेन्नई पहला शहर बन गया है यहां पर अब भूमिगत जल के लिए 2000 फीट तक पानी नही होने के बाद शासन ने सूचना जारी की है ,

भूमिगत जल समाप्त होने के कारण बोरिंग अब पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिए गए हैं 200 फीट तक भरपूर पानी देने वाले चेन्नई की इस दुर्दशा के सड़को ओर निर्माणों से पाट देना प्रमुख हैं शहर के किसी भी भाग में पानी जमीन में जाने का कोई साधन नहीं बचा है अब चेननई  गर्मी के दिनों में भीषण जल संकट का सामना कर रहा है

शहरों के विकास और सड़कों के अलावा फूटपाथ और खुले मैदान सीमेंट से बनाये जाने के कारण  चेननई की यह दुर्दशा हो गई है इस मामले में जल संरक्षण को लेकर कोई अभियान नही चलाएं गए तो वही बेतरतीब निर्माणों के चलते चुनिदा तालाब भी पानी के लिए तरसे गए। साथ ही भूमिगत जल को लेकर कही पर कोई  विशेष कार्य नही किए गए। इसी का परिणाम है कि अब चेननई में भूमिगत जल समाप्त हो चुका है ।

वही दूसरी ओर जिला प्रशासन ने आम लोगों से आग्रह किया है कि वे अपने घरों के नीचे तलपर में बारिश का जल  जमा करने के लिए प्रयास करे ताकि कुछ माह तक उसी पानी का उपयोग अन्य कार्यो के लिए हो सके ।चेननई  महानगर पालिका ने कहा है कि वह केवल पीने के पानी के लिए ही अपनी तैयारी कर रही हैं

अब सवाल ये है कि अगर हम पानी का सरंक्षण सही तरह से नही करते तो कल अगला नंबर हमारे दूसरे शहर का होगा जो पानी की ऐसी ही गंभीर समस्या से झूझता हुआ दिखाई देगा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होगी इसलिए पानी के सरंक्षण और बर्बादी पर खासा ध्यान देने की जरूरत है

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