गंभीर पर्यावरणीय खतरे की ओर अग्रसर भारत
देश में बढ़ते प्रदूषण के चलते गंभीर स्थिति हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 90 देशों के एक हजार शहरों में अध्ययन कर बताया है कि वायु प्रदूषण के कारण भारत तथा चीन के शहरों में फेफड़ों के कैंसर रोग बढ़े हैं। गैसीय एवं कणीय पदार्थों के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। आधुनिक विकास की अंधी दौड़ में देश की 150 नदियां नाले में तब्दील हो चुकी हैं। भारत पर्यावरण के आपातकाल की ओर बढ़ता जा रहा है। इसी आपातकाल के बारे में जानकारी देते डॉ. ओ.पी. जोशी।
देश की लगभग 150 नदियां प्रदूषण के कारण नालों में बदल गई हैं। सबसे ज्यादा 28 नदियां महाराष्ट्र में प्रदूषित हैं। लगभग 900 शहरों एवं कस्बों का 70 प्रतिशत गंदा पानी (लगभग 38250 मिलियन लीटर) प्रतिदिन नदियों में बगैर परिष्कृत किये छोड़ दिया जाता है। 3000 शहरों में से केवल 200 में प्रदूषित जल को परिष्कृत करने की आधी अधूरी व्यवस्था है। जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार देश के 20 नदी घाटी क्षेत्रों में से 8 में पानी की कमी है।