ग्रामीण विकास के प्रयास

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हमारे देश का विकास गाँवों के विकास से सीधे-सीधे जुड़ा हुआ है। महात्मा गाँधी ने कहा था कि भारत गाँवों का देश है, यदि गाँवों की कायापलट दी जाए तो समूचे राष्ट्र का विकास सम्भव हो सकेगा। वास्तव में गाँवों की खुशहाली में ही देश की खुशहाली निहित है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व ग्रामीण विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिस कारण हमारे गाँव आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से पिछड़े रहे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद नियोजित आर्थिक विकास के माध्यम से ग्रामीण विकास कार्यक्रमों पर विशेष बल दिया गया है।

ग्रामीण विकास की परियोजनाएं

सामुदायिक विकास परियोजना (1952)

ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग

समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम

स्वरोजगारी प्रशिक्षण कार्यक्रम (ट्राइसेम)

औजार-किट आपूर्ति कार्यक्रम

जवाहर रोजगार कार्यक्रम

पंचायती राज

ग्रामीण जल आपूर्ति एवं स्वच्छता कार्यक्रम

बहुउद्देश्यीय परियोजनाएं

“हिमदीप” राधापुरी, हापुड-245101 (उ.प्र.)
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