गुरु दक्षिणा में वर्षाजल संचय

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बीकानेर, 7 जुलाई। देवीकुण्ड सागर स्थित ब्रह्म गायत्री सेवाश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव राष्ट्र उन्नति, विश्व शांति के रुप में मनाया गया। गुरु शब्द की मीमांसा करते हुए सेवाश्रम के अधिष्ठाता पं. रामेश्वरानंद ने कहा कि गीता में हमारी हर समस्या का समाधान है। उन्होंने बताया कि नैसर्गित रुप में माता-पिता स्वयं पूजनीय है, वैसे गुरु का अर्थ यह है कि ‘गु’ यानी अंधकार ‘रु’ प्रकाश जो सद्गुरु हमें अंधकार और दुविधाओं हटाकर प्रकाश याने सत्य का मार्ग प्रशस्त करे वही गुरु होता है। कार्यक्रम के समापन पर पं. पुरोहित ने सब भक्तजनों से गुरु दक्षिणा स्वरुप यह मांगा कि धरती पर जो अमृत जल वर्षा का प्राप्त होता है उसे संरक्षित करें एवं घर में रोजमर्रा प्रयोग में जो पानी उपयोग करें उसका अधिक दुरुपयोग न करें, व्यर्थ जल न गंवाएं, जल वरुण देवता है, जल बचेगा तभी हम बचेंगे।

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