जल विद्युत परियोजना एवं पर्यावरणीय प्रभाव मूल्याकंन – एक अध्ययन

1 min read

पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन एक ऐसी युक्ति है जो विकास के विभिन्न पहलुओं के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष प्रभाव का निरंतर आंकलन कर सकते हैं । पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन, प्रदूषण नियंत्रण का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसके द्वारा विश्लेषण के आधार पर परियोजना को मंजूरी देना या ना देना शामिल है। आजकल किसी परियोजना को मंजूरी देने में जनता की राय को शामिल करना जरूरी है। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार ने विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं एवं उद्योगों के लिये पर्यावरण प्रभाव मूल्याकंन का कार्य शुरू कर रखा है। इसका उद्देश्य प्रस्तावित परियोजना पर लागत एवं आय संबंधी विश्लेषण को एकीकृत करके परियोजना को मंजूरी देने या न देने संबेधी निर्णय लेने हेतु इस प्रकार का मूल्यांकन एक महत्वपूर्ण पहलू है। भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के 14 सितम्बर 2006 के विशेष राजपत्रित सूचना के अनुसार जल विद्युत परियोजना का पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन जरुरी है।

प्रस्तुत लेख में पार्वती जल विद्युत परियोजना, चरण – III जिला कुल्लु, हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन का उल्लेख किया गया है।

इस रिसर्च पेपर को पूरा पढ़ने के लिए अटैचमेंट देखें

India Water Portal Hindi
hindi.indiawaterportal.org