कोयले के भंडार से समृद्ध दामोदर नदी
दामोदर नदी झारखंड और बंगाल के लिए जीवनदायनी है ये नदी जहाँ अपने अंदर एक विशाल कोयले का भंडार रखती है वही इस नदी पर कई डैम के निर्मा भी हुए है जो लाखो लोगो के खेतो को पानी देते है अभी हाल ही में स्माइल्स फॉर मिलियंस फाउंडेशन के सदस्यों ने सर्व धर्म विचार के बैनर तले दामोदर बचाओ अभियान 2 के तहत दामोदर नदी के वारणी घात की साफ़ सफाई अभियान में मुख्या अतिथि दीपक कुमार दामोदर, 'मैं ऑफ झारखण्ड' के मोहम्मद एनुअल अंसारी और दामोदर बचाओ अभियान के जिला संयोजक भोला प्रामाणिक सहित कई लोग मौजूद रहे। उरी संस्था के दीपक कुमार ने अभियान में सम्मिलित लोगो को सर्टिफिकेट दिए और नदी को स्वच्छ बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया और इसके साथ ही नदी को बचाने के लिए बोकारो से भी एक जागरूकता रैली निकाली गई कुल मिलकर देखा जाये तो ये नदी इतनी महत्वपूर्ण है की इसे बचाने के लिए समय समय पर अलग अलग समाजसेवी संगठन आगे आते रहते है और न सिर्फ जागरूकता अभियान चलाते है बल्कि धरातल पर भी इसे साफ़ और स्वच्छ रखने में अपना योगदान देते रहते है
दो राज्यों के अपने सफ़र में दामोदर नदी सीमित क्षेत्रों में बहती है. छोटा नागपुर की पहाड़ियों के बीच प्रवाहित होने के बाद यह नदी झारखंड के मैदानी भागों में प्रवाहित होती है, जहां से पश्चिम बंगाल राज्य की सीमा में प्रवेश करती है. पश्चिम बंगाल में दामोदर नदी का संगम हुगली नदी से होता है, किन्तु हुगली में मिलने से पहले दामोदर नदी में बराकर, बोकारो व कोनार नामक इसकी सहायक नदियां आकर समाहित हो जाती हैं. अंत में दामोदर व हुगली नदी की संयुक्त जलधारा बंगाल की खाड़ी में समा जाती है.जिस तरह भारत के लिए गंगा एक पवित्र नदी है उसी तरह दो राज्यों के लिए दामोदर नदी का महत्व भी उसी प्रकार है जैसे जीवनदायनी गंगा का पूरे देश के लिए।