कुदरत बचाओ, कैरियर बनाओ

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पर्यावरण सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। कुदरत को बचाने की इस मुहिम के परिणामस्वरूप ग्रीन जॉब्स का एक बड़ा मार्केट खड़ा हो रहा है, जहां पे-पैकेज भी अच्छा है। क्या हैं ग्रीन जॉब्स और कैसे पा सकते हैं आप यहां एंट्री, बता रही हैं, शाश्वती।

एक जमाना था जब छात्रों की प्राथमिकता की सूची में सबसे अंत में आता था पर्यावरण विज्ञान यानी इनवायर्नमेंटल साइंस। लेकिन अब इस सूची में यह ऊपर की ओर कदम बढ़ा रहा है। जलवायु परिवर्तन और उससे होने वाले खतरों के विषय में लगातार बढ़ रही जागरूकता और पार्यावरण को बचाने के लिए विश्व के विभिन्न हिस्सों में चल रहे आंदोलनों के कारण अब छात्रों के बीच विषय के रूप में पर्यावरण विज्ञान की लोकप्रियता बढऩे लगी है। पर्यावरण विज्ञान के प्रति छात्रों की बढ़ रही रुचि का एक कारण यह भी है कि अब पर्यावरण से जुड़े फील्ड में नौकरी की संभावना भी काफी तेजी से बढ़ रही है। पर्यावरण के क्षेत्र से जुड़ी इन नौकरियों को ग्रीन जॉब्स का नाम दिया गया है। ग्रीन जॉब्स के क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की मांग कितनी तेजी से बढ़ रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सितंबर, 2009 में दिल्ली में देश के पहले ग्रीन जॉब्स फेयर का आयोजन किया गया था। इस नौकरी मेले में देश-विदेश की 25 से ज्यादा कंपनियों ने भाग लिया था।

क्या है ग्रीन जॉब्स

कैसे करें शुरुआत

कहां होती है पढ़ाई :

-संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा करवाए गए एक सर्वे के अनुसार 2025 तक भारत में जैव ईंधन निर्माण के क्षेत्र में 900,000 नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
-इसमें से 300,000 नौकरियां स्टोव निर्माण के क्षेत्र में उत्पन्न होंगी।
-लगभग 600,000 से ज्यादा लोगों को ईंधन आपूर्ति और इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में नौकरियां मिलेंगी।
-पर्यावरण और उससे जुड़े प्रोडक्ट और सेवाओं का वैश्विक बाजार 2020 तक वर्तमान के 1,370 अरब डॉलर से बढ़कर 2,740 अरब डॉलर का हो जाएगा।

हर सेक्टर में होगा ग्रीन जॉब्स का निर्माण

(डॉ. राजीव सेठ रजिस्ट्रार, टेरी यूनिवर्सिटी)

ग्रीन जॉब्स के प्रति जागरूकता बढ़ानी होगी

(जितिन चावला, कैरियर काउंसलर)
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