लॉक डाउन से उत्तराखंड में कम हुआ प्रदूषण
लॉक डाउन से उत्तराखंड में कम हुआ प्रदूषण

लॉक डाउन से उत्तराखंड में कम हुआ प्रदूषण

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राष्ट्रीय सहारा, 31 मार्च 2020

कोरोना के चलते बीते 1 हफ्ते के लॉक डाउन ने उत्तराखंड प्रदेश में वायु प्रदूषण को भी लॉक कर दिया है। आसमान को आप साफ नीले रंग के साथ महसूस कर सकते हैं तो हवा में ताजगी भी। नतीजतन आप अगर अपने घर की छत पर खड़े हो जाएं तो मसूरी के घरों को देख सकते हैं।

चकराता की ऊंची पहाड़ियों पर भी बर्फ के दीदार भी कर सकते हैं। रात में आसमान में तारे गिन सकते हैं। यहां तक कि शहर के कई इलाकों से रात में मसूरी के अलावा ऋषिकेश, नरेंद्र नगर भी टिमटिमाते दिख रहे हैं। वायु गुणवत्ता के आंकड़े तस्दीक कर रहे हैं कि लॉकडाउन के कारण वाहनों की आवाजाही बहुत कम हो गई है और उद्योगों के बंद होने से वायु प्रदूषण काफी कम हो गया है। पिछले महीने 22 फरवरी के एक्यूआई डॉट कॉम के आंकड़ों की बात करें तो उत्तराखंड में देहरादून और हल्द्वानी में वायु प्रदूषण का स्तर काफी था। 

हरिद्वार में वायु की गुणवत्ता स्वस्थकर थी। ऋषिकेश में यह बहुत बुरी नहीं थी। देहरादून में वायु प्रदूषण सूचकांक 126, हल्द्वानी में 166, हरिद्वार में 213 और ऋषिकेश में 68 था। पार्टिकुलेट मैटर की बात करें तो तब पीएम 2.5 यानी कि 2.5 माइक्रोमीटर वाले कण देहरादून में 66 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, पीएम 10 यानी 10 माइक्रोमीटर वाले कण एक घन मीटर हवा में 74 थे। शोर 49 डेसिबल था। हल्द्वानी में तब पीएम 2.5 कण 80 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, पीएम 10 कण 88 प्रति घनमीटर थे। हवा में शोर 49 डेसिबल था। हरिद्वार में तब पीएम 2.5 कण 94 माइक्रोग्राम प्रतिघनमीटर, पीएम 10 कण 106 प्रति घनमीटर थे। हवा में शोर 49 डेबिसल था। ऋषिकेश में तब पीएम 2.5 कण 41 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, पीएम 10 कण 51 प्रति घन मीटर थे। शोर 46 डेसीबल था।

हवा की गुणवत्ता बहुत बेहतर हुई

एयर क्वालिटी डॉट कॉम के रविवार 29 मार्च के आंकड़े देखें तो अकेले देहरादून में हवा की गुणवत्ता की स्थिति बहुत बेहतर हो गई है. यह बात और है कि इस वक्त आम लीची में बौर आया है, और परागण का मौसम है. फिर भी देहरादून में पीएम 2.5 कण 19 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, पीएम 10 कण 44 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहे। ओजोन 106 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, कार्बन मोनोऑक्साइड 162 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, सल्फर डाइऑक्साइड 3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड 1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा है। इसी के आधार पर सब कहते हैं.

वायु गुणवत्ता मापने के मानक

केंद्र के मानकों की बात करें तो हवा की स्थिति तब ठीक है जब हवा में पीएम 10 कण 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, पीएम 2.5 कण 6 माइक्रोग्राम  प्रति घन मीटर, सल्फर डाइऑक्साइड 80 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड 80 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, कार्बन 2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और लेड 1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक ही हो।

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