Sardar sarovar dam
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मध्य प्रदेश में 193 गाँवों को डूबाने की तैयारी

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सुप्रीम कोर्ट ने नर्मदा बचाओ आन्दोलन द्वारा लगाई गई याचिका पर अपना निर्णय लिया था। इस निर्णय में कहा गया था कि जिन लोगों को जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया है उन्हें 60 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिये जाएँ। जबकि जिन लोगों द्वारा फर्जी रजिस्ट्री के तहत पैसा लिया गया था, उन्हें 15 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाये। वहीं मुआवजा देने के साथ जिन लोगों को मुआवजा दिया जाये उनसे यह वचनपत्र भरवाना है कि वह 31 जुलाई तक किसी भी हालत में डूब प्रभावित गाँवों को छोड़कर पुनर्वास स्थल पर चले जाएँगे। धार। मध्य प्रदेश सरकार धार सहित बड़वानी, अलीराजपुर और खरगोन क्षेत्र के 193 गाँव को पानी में जलमग्न करने की तैयारी कर चुका है। इसके लिये समय सीमा 31 जुलाई तय की गई है। सबसे ज्यादा प्रभावित गाँवों की संख्या धार जिले में है। यहाँ पर शासन और प्रशासन निसरपुर जैसे बड़े शहर व 76 गाँव को पानी में डुबाने के लिये पूरी तैयारी कर ली है। सबसे बड़ी चिन्ता का विषय यह है कि सरदार सरोवर बाँध परियोजना के कारण अभी तक कई लोगों का सही तरीके से पुनर्वास नहीं हो पाया है। वहीं विस्थापन के लिये जो पुनर्वास स्थल तैयार किये गए हैं वे अभी भी उचित अवस्था में नहीं हैं। अब जबकि मात्र कुछ दिन शेष रह गए हैं तो सरकार इन्तजाम कैसे करेगी यह एक बड़ा प्रश्न खड़ा हो रहा है।

गौरतलब है कि सरदार सरोवर बाँध परियोजना के कारण अब मध्य प्रदेश के 4 जिले के 193 गाँव का अस्तित्व ही नहीं रहेगा। इस बार नर्मदा नदी में जैसे ही पानी का वेग बढ़ेगा वैसे ही इन गाँवों के ऊपर विपदा भी बढ़ती जाएगी।

क्यों डूबेंगे गाँव

विस्थापितों की परेशानी अभी भी

सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया था फैसला

संघर्ष होने का एक बड़ा कारण

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