पांवधोई नदी को गंदा करने पर लगेगा भारी भरकम जुर्माना
पांवधोई नदी को गंदा करने पर लगेगा भारी भरकम जुर्माना

पांवधोई नदी को गंदा करने पर लगेगा भारी भरकम जुर्माना

Published on

देश मे प्रदूषित हो रही नदियां नौले धारो के प्रति चिंतित समाजसेवी और सरकारी विभाग लगातार काम कर रहे है फिर चाहे वो देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक गंगा हो या फिर कोई दूरी ऐसी छोटी नदी जो लोगो के जीवन यापन में अपना अहम योगदान दे रही हो।

हाल ही में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में पांवधोई नदी को जिस तरह प्रदूषित किया जा रहा है और उसके आस पास अतिक्रमण हो रहा है उसे देखते हुए अधिकारियों ने पांवधोई विकास समिति की एक बैठक बुलाई जिसकी अध्यक्षता करते हुए नगर आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि अगर कोई भी व्यक्ति नदी को प्रदूषित करता हुआ पाया जाए तो उस पर 20 हजार जुर्माने का प्रावधान किया जाए साथ ही ये भी सख्त निर्देश दिए कि नदी के दोनों ओर हुए अतिक्रमण को शीघ्र अति शीघ्र ध्वस्त किया जाए।

 पांवधोई नदी का सौन्दर्यकरण का काम भी आजकल जोरों पर है जिसकी समीक्षा करने नगर आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह खुद मौके पर पहुचे ,पांवधोई नदी सहारनपुर की लाइफलाइन मानी जाती है इसलिए ये बहुत जरूरी है कि प्रशासन के साथ आम नागरिकों को भी इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और इसे साफ और स्वच्छ बनाने में अपना अहम योगदान देना होगा नगर आयुक्त ने कहा कि साल में दो बार नदी की साफ सफाई की जाएगी जिससे इसे स्वच्छ बनाये रखने में हमे मदद मिलेगी नदी के सौन्दर्यकरण के लिए,नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कुनाल जैन ने  सख्त निर्देश दिए है कि हर एक वो जगह जहां से लोग नदी में कूड़ा फेखते है उसे चिन्हित कर  उसकी निगरानी की जाए।  ताकि उन लोगो पर जुर्माना लगाया जा सके जो नदी को प्रदूषित कर रहे है ।

सौन्दर्यकरण के लिहॉज से नदी के आस पास जो भी दीवारें टूटी फूटी है और उसे लोक निर्माण विभाग ठीक कराएं और जो जालियां टूट चुकी है उनकी भी मरम्मत जल्द से जल्द की जाए नदी किं देख रेख के लिए जो समितियां बनी है उसका नेतृत्व  स्थानीय पार्षदों करे।निगम के पर्यावरण प्लानर उमर सैफ  ने पांवधोई,ढमोला,और नागादोई के जल प्रदूषण को समाप्त करने के लिए नगर निगम द्वारा किये जा रहे कार्यो को बारे में भी जानकारी दी उमर सैफ ने तीनों नदियों और हिंडन के पुनर्जीवन के लिए  शिवालिक तलहटी में वाटर रिचार्ज पर काफी जोर दिया नदी के पास धोबीघाट और नालो कप टैप करने का सुझाव भी दिया।

आपको बता दे कि पांवधोई नदी का इतिहास कई दशकों पुराना है इस नदी ने कई पीढ़ियों को आते जाते देखा है शायद यही कारण है की अब जब नदी का अस्तित्व खतरे मेंमें पड़ता दिखाई दे रहा है तब प्रशासन के साथ स्थानीय लोग भी जागरूक हो और इस नदी को सब  मिलजुलकर उतना ही  स्वच्छ बनाए जितना ये पहले कभी हुआ करती थी

India Water Portal Hindi
hindi.indiawaterportal.org