राजस्व विभाग सहस्रधारा में संयुक्त सर्वे से बच रहा

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सहस्रधारा में सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने की मंशा शायद राजस्व अधिकारियों की नहीं है। आखिर क्या वजह है कि डीएम के आदेश के तीन माह बाद भी वहां राजस्व विभाग की ओर से संयुक्त सर्वे नहीं हो पाया है। वन विभाग के रिटायर सर्वेयर की ओर से राजस्व रिकार्ड में नदी गायब होने का खुलासा किए जाने के बाद से राजस्व अधिकारी भी लापता हो गए हैं।

दो दिन मौके पर सर्वे के लिए जाकर राजस्व के पटवारी और नायब तहसीलदार दोबारा वहां नहीं गए। जबकि वन विभाग के अधिकारी लगातार एसडीएम और अन्य अधिकारियों से संयुक्त सर्वे करवाने की मांग कर रहे हैं। मगर राजस्व अधिकारी बहाने बनाकर सर्वे टालते जा रहे हैं बताया जा रहा है कि वहां बड़ी सख्या में जमीनों के रिकार्ड में हेराफेरी हुई है। इसके चलते चामासारी गाँव में बाल्दी नदी भी गायब कर दी गई। राजस्व रिकार्ड में ये नदी ऊपर और नीचे के गांवों में है। जबकि बीच में गायब है।

“तहसीलदार और पटवारी के व्यस्त होने के चलते सर्वे नहीं हो पा रहा। 25 मई से सर्वे विधिवत शुरू करा दिया जाएगा। जहां तक राजस्व रिकार्ड में नदी गायब होने की बात है तो इसका परीक्षण किया जा रहा है। रिकार्ड में जो गड़बड़ी मिलेगी उसे ठीक करवाया जाएगा। -

कमलेश मेहता

दरअसल सर्वे ऑफ इंडिया के मैप में ये नदी चामासारी में मौजूद है। ऐसे में राजस्व विभाग के अधिकारी सहमे हुए हैं कि रिकार्ड में नदी वापस कैसे लायी जाए। इसी डर से वे सर्वे के लिए नहीं आ रहे हैं। वहीं सूत्रों का ये भी कहना है कि वे नदी को दोबारा रिकार्ड में लाने के लिए दोबारा बंदोबस्त की योजना बना रहे हैं। यानी मामले को लंबा लटकाकर कुछ बड़े भू-माफियाओं और होटल के मालिकों को लाभ पहुंचाने की भी योजना है। 

एसडीएम सदर कमलेश मेहता का कहना है कि तहसीलदार और पटवारी के व्यस्त होने के चलते सर्वे नहीं हो पा रहा। 25 मई से सर्वे विधिवत शुरू करा दिया जाएगा। जहां तक राजस्व रिकार्ड में नदी गायब होने की बात है तो इसका परीक्षण किया जा रहा है। रिकार्ड में जो गड़बड़ी मिलेगी उसे ठीक करवाया जाएगा।

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