'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
सामाजिक मुद्दों पर आधारित देश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लेखकों के शोधपरक आलेख को मंच प्रदान करने वाले प्रतिष्ठित 'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स - 2022" की घोषणा चरखा डेवलपमेंट कम्युनिकेशन नेटवर्क, दिल्ली द्वारा कर दी गई है. निर्णायक समिति (जूरी) के निर्णय पर आधारित इन पुरस्कारों का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों की किशोरियों और महिलाओं को सशक्त बनाने में मीडिया की भूमिका के साथ प्रतिबद्ध लेखकों के काम को प्रोत्साहित करना है.
यह पुरस्कार चरखा के संस्थापक संजॉय घोष से प्रेरित है, जिन्होंने मीडिया के रचनात्मक उपयोग के माध्यम से हाशिए के ग्रामीण समुदायों के सामाजिक और आर्थिक प्रगति की दिशा में काम किया है. दो दशक पहले शुरू किया गया यह पुरस्कार, लेखकों के एक ऐसे समूह को तैयार करता है, जो अंततः स्थायी परिवर्तन के सबसे प्रभावशाली मॉडल बन सकते हैं. इसके अंतर्गत पुरस्कार विजेता लेखन के माध्यम से विकासात्मक ढांचा से जुड़े विचारों को साझा करने के लिए एक साथ आते हैं और मीडिया की एक नई शैली बनाने की दिशा में बदलाव लाते हैं, जो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका के प्रति दूरदर्शी, जिम्मेदार और संवेदनशील है.
यह पुरस्कार लेखकों, विकास से जुड़े कार्यकर्ताओं, शोधकर्ताओं और सामाजिक पैरोकारों के लिए वंचित समुदायों की किशोरियों और महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का पता लगाने का एक समुचित अवसर है. इस वर्ष विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र पैनल द्वारा किए गए निर्णय के आधार पर कुल 8 पुरस्कार दिए जाएंगे.
श्रेणी 1:-
पांच पुरस्कारों में प्रत्येक विजेता को एक प्रमाण पत्र और 50,000/- रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा. प्रत्येक विजेता को 31 दिसंबर, 2022 तक शोधपरक और अच्छी गुणवत्ता वाली तस्वीरों के साथ-साथ अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में स्वीकार्य पांच आलेख प्रस्तुत करने होंगे.
श्रेणी 2:-
तीन पुरस्कारों में प्रत्येक विजेता को एक प्रमाण पत्र और 25000/- रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा. पुरस्कारों की यह श्रेणी गैर-लाभकारी संगठनों से जुड़ी युवा किशोरियों को सामाजिक कार्यकर्ता/नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए है. इस श्रेणी में प्रत्येक पुरस्कार विजेता से 31 दिसंबर, 2022 तक अच्छी गुणवत्ता वाली तस्वीरों के साथ अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में स्वीकार्य तीन अच्छी तरह से शोध किए गए लेख तैयार करने की उम्मीद है. इस अवधि में चरखा टीम इस श्रेणी के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक परामर्शदाता उपलब्ध कराएगी.
विषयों-
- सुदूर भारत के ग्रामीण क्षेत्रों की युवा किशोरियों और महिलाओं के खिलाफ लिंग आधारित हिंसा
- ग्रामीण भारत में किशोरियों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- ग्रामीण भारत में महिला उद्यमिता
- ग्रामीण भारत में किशोरियों को सशक्त बनाने में डिजिटल साक्षरता की भूमिका
- ग्रामीण भारत में किशोरियों के जीवन पर खराब परिवहन सुविधाओं का प्रभाव
- ग्रामीण भारत में बालिकाओं की तस्करी
- ग्रामीण भारत में किशोरियों के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार
- किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए खेल - ग्रामीण भारत में चुनौतियां और अवसर
कौन आवेदन कर सकता है?
श्रेणी 1- के लिए, स्वतंत्र लेखकों, शोधकर्ताओं, सामाजिक अधिवक्ताओं, विकास के क्षेत्र में काम करने वाले कार्यकर्ता और पत्रकारों के लिए किशोर लड़कियों के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शित प्रतिबद्धता के साथ
श्रेणी 2-
पात्रता :
- कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन
- लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे।
- श्रेणी 1 के लिए आवेदकों को आवेदन के साथ अपने दो प्रकाशित लेख भेजने होंगे। एक हालिया (दो महीने से अधिक पुराना नहीं) और दूसरा आवेदक की पसंद का लेख।
- श्रेणी 2 के लिए, यदि आप एक किशोरी या ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली एक युवा महिला सामाजिक कार्यकर्ता हैं, तो कृपया दो प्रासंगिक लेखन नमूने (प्रकाशित / अप्रकाशित) जमा करें।
- संपर्क विवरण के साथ दो संदर्भ। उम्मीदवार के आवेदन को मंजूरी देने वाले संपादक/संगठन के प्रमुख का पत्र।
- स्वतंत्र पत्रकारों को अपने काम से परिचित संपादकों या मीडिया हस्तियों से सिफारिश के दो पत्र शामिल करने चाहिए।
- पिछले तीन वर्षों में प्राप्त पुरस्कार और फैलोशिप का उल्लेख (यदि प्राप्त हुआ है तो)
- सभी आवेदन टाइप होने चाहिए। हस्तलिखित और अधूरे आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
- सभी लेख चरखा में संपादकीय टीम द्वारा अनुमोदन के बाद ही प्रकाशित किए जाएंगे।
आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि