सुप्रीम कोर्ट ने कहा, डल झील की खूबसूरती लौटाओ

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सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनगर की डल झील को लेकर सरकारी महकमों की नजरअंदाजी पर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि इस झील की खूबसूरती वापस लाने में कोताही न बरती जाए। झीलों की निगरानी के लिए बने झील विकास प्राधिकरण का अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त करने के फैसले पर भी कोर्ट ने आपत्ति जताई। सरकार को निर्देश दिए कि स्थाई मुखिया नियुक्त किया जाए।

झील विकास प्राधिकरण का स्थाई प्रभारी नियुक्त न करने पर लगाई फटकारजस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्राधिकरण में अस्थाई अध्यक्ष की नियुक्ति को जायज ठहराया था। इस पर कोर्ट ने कहा, 'जिसे प्रभारी बनाया है, उसके पास पहले से कई काम हैं। ऐसे में वह दोहरी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा सकता। हाईकोर्ट के आदेश का पालन हो। वह तो जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट है जिसके कारण डल झील में अतिक्रमण नहीं हो रहा है।'

पिछले साल अक्टूबर में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन महीने में प्राधिकरण के मुखिया की नियुक्ति का आदेश दिया था। समयसीमा खत्म होती देख राज्य सरकार ने दूसरे महकमे के एक अधिकारी को अतिरिक्त जिम्मेदारी के तौर पर प्राधिकरण का प्रभारी बना दिया। हाईकोर्ट ने झील के आसपास अतिक्रमण और सफाई के मुद्दे पर समझौता नहीं करने के निर्देश दिए थे। इस पर सरकार ने डल झील के आसपास एक हजार अवैध निर्माण ढहाए थे।

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