सूखती झीलें, सूखती नदियां
उत्तराखंड में लगातार सूख रही जल धाराओं को लेकर सरकार काफी चिंतित है। सहस्त्रधारा सहित विभिन्न पर्यटक स्थलों पर सूखती जल धाराएं वैज्ञानिकों के लिए भी चुनौती बन रही हैं। लगातार सूखती झीलें और झरने राज्य सरकार और वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। अगर बारिश कम हो तो गर्मियों में उत्तराखंड में असाधारण जल संकट पैदा हो जाता है। जाड़ो में कम वर्षा व कम हिमपात होने से जल स्रोत व धारे जल्दी ही सूख गए जिससे पूरे राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के रहने वालों के लिए बेहद कठिनाई पैदा हो गई। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के गाँवों में ग्रामीण इलाकों की जलापूर्ति योजनाएँ हमेशा ही सवालों के घेरे में रही हैं। उनमें कई पेयजल योजनाएँ किसी सीजन में खास तौर पर गर्मियों में जबकि पानी की बहुत जरूरत होती है, ठप हो जाती हैं। बाकी कुछ योजनाएँ स्थाई रूप से बेकार हो जाती हैं, क्योंकि पानी का स्रोत ही सूख जाता है।