यमुना निगरानी समिति का निर्देश 'मूर्ति विसर्जन के किए कृत्रिम तालाब बनाएं'
मूर्ति विसर्जन के बाद यमुना में अचानक खतरनाक रासायनों के स्तर में 71 गुणा तक वृद्धि को देखते हुए यमुना निगरानी समिति ने हर जिला, मंडल और जोन में कृत्रिम तालाब बनाकर उसमें मूर्ति विसर्जन की योजना बनाने का निर्देश दिया है।
दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चंद्रा और एनजीटी के पूर्व विशेषज्ञ सदस्य बी.एस. साजवान की समिति ने योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए संभागीय आयुक्त को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। समिति ने संभागीय आयुक्त को मानसून से पहले हर हाल में सभी जिला/मंडल व जोन में कृत्रिम तालाब बनाने का निर्देश दिया है, ताकि उसमें बरसात का पानी जमा हो सके। समिति ने जरूरत पड़ने पर दिल्ली जल बोर्ड को टैंकर के जरिए या अन्य माध्यम से तालाब में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। समिति ने संभागीय आयुक्त व संबंधित विभागों को 20 मई से पहले योजना को लागू करने के लिए कार्ययोजना पेश करने को कहा है। समिति ने 7 मई को सभी संबंधित विभागों के साथ हुई बैठक में यह आदेश जारी किया है।
आकार छोटी की जाए
समिति ने लोगों के लिए जागरूकता अभियान चलाने और पूजा में छोटी मूर्तियां बनाने की अपील करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। इसके लिए आरडब्ल्यूए, स्कूली बच्चों, मीडिया, रेडियो और अन्य माध्यमों का सहारा लेने का निर्देश दिया है। इस पर आने वाले खर्च का वहन दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को करने को कहा गया है।
“25 सौ हेक्टेयर यमुना खादर में वर्तमान समय में हो रही है खेती
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पंजीकरण कराना होगा
गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा व अन्य धार्मिक आयोजन के लिए मूर्ति बनाने वाले कारीगरों और पूजा समिति/पंडालों को निगम में पंजीकरण कराना होगा। इस संबंध में समिति ने आदेश जारी कर किए है। संभागीय आयुक्त ने निगरानी समिति को बताया कि इन सबों को अनिवार्य तौर पर पंजीकरण कराने के लिए कार्ययोजना तैयार किया जा रहा है।
25 सौ हेक्टेयर यमुना खादर में वर्तमान समय में हो रही है खेती
17 सौ से अधिक अनधिकृत कॉलोनियों में से 90% में सीवर पाइप लाइन नहीं
20 हजार लोग यमुना किनारे फल, सब्जियों की खेती में लगे हैं इस समय
3268 मिलियन लीटर प्रतिदिन सीवेज निकलता है राजधानी में प्रतिदिन
3 करोड़ 50 लाख लीटर पानी की खपत मौजूदा समय में दिल्ली में होती है