यमुना प्रदूषित करने पर 15 लाख का जुर्माना

Published on
1 min read


राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने यमुना को प्रदूषित करने पर गुरुवार को कड़ा रुख दिखाया। प्राधिकरण ने मथुरा छावनी परिषद पर 10 लाख और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर पाँच लाख रुपये का जुर्माना ठोका है।

मथुरा छावनी परिषद ने जिलाधिकारी आवास के पीछे यमुना किनारे खत्ताघर (कचराघर) बना रखा है। ‘जागरण’ ने इसका संज्ञान लेते हुए पिछले साल सितम्बर में खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। स्थानीय नागरिक तपेश भारद्वाज ने एनजीटी में याचिका दायर की। इस पर गुरुवार को फैसला सुना दिया गया। एनजीटी ने याची के वक्तव्य को सही ठहराते हुए छावनी परिषद और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को फटकार लगाई। साथ ही बोर्ड को उसके कर्तव्यों का बोध कराते हुए कहा, याचिका न राजनीति से प्रेरित है, न ही किसी अन्य बाहरी कारण से। याचिका अगर प्रेरित है, तो सिर्फ स्वच्छ वातावरण की माँग से। यह याची के साथ सम्पूर्ण मथुरा की जनता की भी माँग है। एनजीटी ने दोनों पक्षकारों को जुर्माना जमा करने के लिये दो हफ्ते का समय दिया है। छावनी परिषद को निर्देश दिए हैं कि चार सप्ताह में कचरास्थल के संचालन के लिये उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिये आवेदन करे। कचरा निस्तारण स्थल के चारों ओर हरित पट्टी विकसित की जाए।

संबंधित कहानियां

No stories found.
India Water Portal - Hindi
hindi.indiawaterportal.org