आगरा मंडल में जल प्रबंधन में स्वंयसेवी संगठनों की भूमिका

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भारत वर्ष नदियों, तालाबों, झरनों एवं पोखरों का देश है। जल के स्रोत ही जलवन है। पिछले कुछ दशकों में विश्व में जल संकट पैदा हो गया है। आज भारत में कृषि एवं जल प्रबंधन एक समस्या है जिसका सीधा असर देश की आर्थिक व्यवस्था से जुड़ा है। जल जिसकी सम्पत्ति है, जल का बंटवारा कौन करेगा, जल-बाजार का संचालन कौन करेगा, जल का मुल्य क्या हो, ऐसे अनेक प्रश्न राष्ट्रीय स्तर पर उभर कर आ रहे हैं। आगरा भी जल अभाव की समस्या से परेशान है। इस शहर में नदी, तालाब, सरोवर, कुंए आदि सब निर्जल हो गए हैं। अधिकांश तालाबों के स्थान पर बहुमंजिली इमारत खड़ी है। शहर में पीने का पानी भी मिलना कठिन है इस पेपर में आगरा की जल-कहानी प्रस्तुत करा जाएगा।

आगरा के जल स्रोत
आगरा विश्व का महत्वपूर्ण शहर है। यहां का इतिहास मुगल सम्राटों की गाथाओं से भरी है। इस शहर की मुख्य समस्या है जल अभाव यमुना नदी के तट पर बसा यह शहर, कृष्ण भगवत की भूमि है। ब्रज क्षेत्र अनेक सरोवरों की कहानी अपने दामन में छुपाये हुए है। यमुना नदी नाले का रूप धारण कर चुकी, तालाब और सरोवर सूख गये हैं। कुंए पट गये हैं- शेष है तो केवल जल अभाव। आखिर ऐसा क्यों हुआ-

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