भौतिक पृष्ठभूमि
स्थिति एवं विस्तार :
ऊपरी महानदी बेसिन मध्य प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग में स्थित है। इसका अंक्षाशीय विस्तार 19047’ उत्तरी अक्षांश से 23007’ उत्तरी अक्षांश और देशांतरीय विस्तार 80017’ पूर्वी देशांतर से 83052’ पूर्वी देशांतर तक 73,951 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है। प्रशासनिक दृष्टि से इसके अंतर्गत बिलासपुर संभाग के बिलासपुर एवं रायगढ़ जिले (जशपुर तहसील को छोड़कर), रायपुर संभाग के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव एवं बस्तर जिले के कांकेर तहसील का क्षेत्र आता है। इसकी जनसंख्या 1,33,26,396 (1991) व्यक्ति हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :
ऐतिहासिक काल में ऊपरी महानदी बेसिन दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता था। रायगढ़ जिले के सिंघनपुर की गुफाओं तथा काबरा पहाड़ी में 50 हजार वर्ष तक के पुराने शिलाचित्र हुये हैं, (गुप्त 1973, 78) जिससे पता चलता है कि यह बेसिन 50 हजार वर्ष पूर्व से ही आबाद था। सन 1741 में इस बेसिन पर भोसला मराठों का अधिकार हुआ, परंतु अव्यवस्था के कारण यहाँ 1818 में अंग्रेजों का आधिपत्य हो गया। सन 1830 में मराठों ने इस क्षेत्र पर पुन: अधिकार कर लिया। सन 1947 में इस क्षेत्र का विलय स्वतंत्र भारत में हो गया और यह मध्य प्रांत एवं बरार राज्य का हिस्सा बना। अंतत: सन 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के फलस्वरूप मध्यप्रदेश राज्य का हिस्सा बन गया।
भू-वैज्ञानिक संरचना :
भू-वैज्ञानिक संरचना, जल संसाधन विशेषताएँ एवं भू-गर्भजल के विकास में महत्त्वपूर्ण कारक है। ऊपरी महानदी बेसिन का मध्यवर्ती भाग कुडप्पा शैल समूह द्वारा निर्मित है, और सीमांत पठारी भाग में मुख्यतया धारवाड़ तथा गोंडवाना शैल समूह पाये जाते हैं। बेसिन के शैल समूह निम्नलिखित हैं -
(1) आद्य महाकल्पीय शैल समूह का विस्तार उच्च भूमि में है। इस क्रम की चट्टानों में रवेदार तथा रूपांतरित नीस की बाहुल्यता पाई जाती है। ये चट्टानें आर्थिक दृष्टि से विशेष महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनमें अभ्रक, ग्रेफाइट आदि खनिज पाये जाते हैं। इसमें धारवाड़ समूह की चिल्पीघाट क्रम की अवसादी चट्टानें सम्मिलित हैं। दल्लीराजहरा क्षेत्र का लौह अयस्क का जमाव इसी शैल समूह में पाया जाता है।
(2) बेसिन के लगभग आधे भाग में कुडप्पा शैल समूह पाया जाता है। बेसिन के मध्य में इसके पंखाकार दृश्यांश पर छत्तीसगढ़ का मैदान निर्मित हुआ है। इस समूह के दो विभाग हैं :- निचली चंद्रपुर क्रम एवं ऊपरी रायपुर क्रम। चंद्रपुर क्रम 60 से 300 मीटर मोटी बलुआ पत्थर क्वार्टजाइट तथा कांग्लोमरेट आद्य शैल समूह के ऊपर विषम विन्यास के साथ पाये जाते हैं। रायपुर क्रम की चट्टानें अपेक्षाकृत अधिक मोटी हैं। इसके अंतर्गत मुख्यत: शैल तथा चूना पत्थर मिलती है। चूना पत्थर कहीं-कहीं 650 मीटर तक मोटी हैं। यहाँ का चूना पत्थर सीमेंट स्तर का है। जिसके आधार पर बेसिन में सीमेंट उद्योगों का विकास हुआ है।
1 नवंबर 1956 को जब पुनर्गठित मध्य प्रदेश अस्तित्व में आया उस समय राज्य में 43 जिले थे। 1972-73 में दो और जिले भोपाल जिला, सिहोर जिले में से और राजनांदगांव जिला दुर्ग जिले में से अलग कर बनाया गया और म. प्र. में कुल 45 जिले हो गये। इसी तरह 25 मई 1998 एवं 30 जून 1998 को म. प्र. में जिलों का पुनर्गठन किया गया और 16 नये जिले बनाये गये। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में निम्नलिखित जिले हैं - रायपुर, धमतरी, महासमुन्द, बिलासपुर, जांजगीर, कोरबा, बस्तर, कांकेर, दन्तेवाड़ा, जशपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, सरगुजा एवं कोरिया (पश्चिम सरगूजा बैकुण्ठपुर)। चूँकि आंकड़ों का संकलन पुरानी प्रशासनिक इकाइयों के आधार पर किया गया है। अत: संपूर्ण शोध प्रबंध में इन्हीं प्रशासनिक इकाइयों के आधार पर वर्णन किया गया है।


सारिणी क्रमांक - 1.1 (अ) ऊपरी महानदी बेसिन - प्रशासनिक विवरण, 1991 | |||||
क्र. | जिला | तहसील | विकासखण्ड | कुल क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) | जनसंख्या |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 |
1 | 1 बिलासपुर 37,93,866 | 1 बिलासपुर
2. बिल्हा 3. तखतपुर 4. मुंगेली 5. लोरमी 6. पंडरिया
7. जांजगीर
8. चापा
9. पामगढ़ 10. सक्ति
11. डभरा 12. कोटा 13. पेण्ड्रारोड
14. कटघोरा
15. कोरबा | 1 बिलासपुर 2 मस्तुरी 3 मारवाही 1. बिल्हा 1. तखतपुर 1. मुंगेली 1. लोरमी 1. पंडरिया 2. पथरिया 1. जांजगीर 2. अकलतरा 1. चांपा 2. बलौदा 1. पामगढ़ 1. सक्ति 2. मालखरौदा 3. जैजैपुर 1. डभरा 1. कोटा 1. पेण्ड्रारोड 2. गौरेला 1. कटघोरा 2. पौडीउपरोरा 1. कोरबा 2. करतला 3. पाली | 736.88 737.76 786.47 ---- 707.97 594.49 500.92 882.14 514.66 577.01 377.28 326.66 347.25 428.42 311.29 340.66 339.26 418.64 751.28 326.30 496.56 438.45 1,266.50 840.66 651.87 991.89 | 2,63,196 1,95,287 96,810 --- 1,71,963 1,36,867 1,52,626 1,52,223 1,10,599 1,67,220 1,03,344 88,719 1,01,463 1,04,608 96,069 1,00,626 1,11,152 1,17,476 1,24,910 53,201 71,983 1,66,960 1,35,901 1,19,916 1,08,966 1,32,347 |
योग | 15 तहसील | 26 वि. ख. | 14,751.07 | 31,34,695 | |
2. | रायगढ़ (जशपुर तहसील को छोड़कर) 16,06,355 | 1 रायगढ़
2. खरसिया 3. सारंगढ़
4. घरघोड़ा
5. धर्मजयगढ़ 6. बगीचा 7. कुनकुरी | 1. रायगढ़ 2. पुसौर 1. खरसिया 1. सारंगढ़ 2. बरमकेला 1. घरघोड़ा 2. तमनार 3. लैलूंगा 1. धर्मजयगढ़ 1. बगीचा 1. कुनकुरी | 487.20 400.77 398.02 530.23 463.84 456.26 433.04 507.85 1188.95 1406.13 451.55 | 1,01,889 1,04,412 93,048 1,54,934 1,15,643 55,015 68,991 96,790 1,41,052 1,29,311 71,592 |
क्र. | जिला | तहसील | विकासखण्ड | कुल क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) | जनसंख्या |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 |
2. | 2. रायगढ़ | 7. कुनकुरी
8. पत्थलगांव | 2. फरसाबहार 3. दुलदुला 4. कांसाबेल 1. पत्थलगांव | 619.98 421.14 440.91 723.05 | 89,069 40,064 61,796 1,35,244 |
| योग - | 8 तहसील | 15 वि. खंड | 90,22.92 | 26,69,805 |
3. | 3. राजनांदगांव 14,39,951 | 1. राजनांदगांव 2. कवर्धा
3. मोहला 4. छुईखदान 5. खैरागढ़ 6. डोंगरगढ़ 7. डोंगरगांव
8. अंबागढ़ | 1. राजनांदगांव 1. कवर्धा 2. बोड़ला 3. सहसपुर 1. मोहला 1. छुईखदान 1. खैरागढ़ 1. डोंगरगढ़ 1. डोंगरगांव 2. छुरिया 1. अंबागढ़ |