गौतमबुद्ध नगर बन रहा तालाबों की कब्रगाह, एनजीटी खोज रहा तालाब

गौतमबुध नगर में हैं 1000 तालाब , लगभग 171 तालाबों पर अवैध कब्जा। अधिकारियों को तालाबों पर हो रहे कब्जों की थी जानकारी, नहीं की कार्रवाई। नोएडा प्राधिकरण व प्रशासन के अधिकारियों की घोर लापरवाही आई है सामने। वर्षा जल संचय व भूजल रिचार्ज का सबसे सशक्त माध्यम तालाबों को माना जाता है। एक हजार तालाबों के साथ गौतमबुद्ध नगर मजबूत स्थिति में है, लेकिन भू-माफिया व अतिक्रमण करने वालों की नजरें तालाब को जमीन पर गड़ गई हैं।
तालाब। फोटो साभार - रामवीर तंवर
तालाब। फोटो साभार - रामवीर तंवर

गौतमबुध नगर में हैं 1000 तालाब , लगभग 171 तालाबों पर अवैध कब्जा। अधिकारियों को तालाबों पर हो रहे कब्जों की थी जानकारी, नहीं की कार्रवाई। नोएडा प्राधिकरण व प्रशासन के अधिकारियों की घोर लापरवाही आई है सामने। वर्षा जल संचय व भूजल रिचार्ज का सबसे सशक्त माध्यम तालाबों को माना जाता है। एक हजार तालाबों के साथ गौतमबुद्ध नगर मजबूत स्थिति में है, लेकिन भू-माफिया व अतिक्रमण करने वालों की नजरें तालाब को जमीन पर गड़ गई हैं। 

जिले के 171 तालाबों पर कब्जा है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा तीनों प्राधिकरण के सीईओ व जिलाधिकारी को तलब करने के बाद जिला प्रशासन सख्त हुआ है। अधिकारियों को तालाब से कब्जा हटवाने व तालाब की खोदाई कराने का आदेश दिया गया है।

सरकारी विभागों के सर्वे की रिपोर्ट के तहत 2017 तक जिले के 117 तालाबों पर कब्जा था। रिपोर्ट से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा, नोटिस जारी हुए, कार्रवाई के लिए लाव लश्कर तैयार हुआ, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा। अधिकारियों ने कब्जा हटाने की कार्रवाई के बजाय अपनी नौकरी करना मुनासिब समझा। कार्रवाई न होने का परिणाम अन्य तालाबों पर भी कब्जे के रूप में सामने आया। कब्जे वाले तालाब की संख्या 192 हो गई है। एनजीटी की सख्ती के बाद जिलाधिकारी ने प्राधिकरण व तीनों तहसील के अधिकारियों के साथ बैठककर तालाब की ज़मीन पर कब्जा हटवाने का निर्देश दिया है। कहा है कि जिन मामलों में कोर्ट से कब्जा हटाने का आदेश हो गया है, उस पर तत्काल अमल किया जाए। कोर्ट में चल रहे अन्य मुकदमों के निस्तारण में भी तेजी लाई जाए।

इन॒ गांवों के तालाबों पर है कब्जा: रिपोर्ट के अनुसार सलारपुर, रायपुर, बांगर, पाली, रूपवास, कैलाशपुर, तिलपत्ता, पल्‍ला, थापखेड़ा, घोड़ी बछेड़ा, जुनपत, छायसा, बैरंगपुर, कुड़ी खेड़ा, सादेपुर, चिटहेरा, खंगौड़ा, चौना, जारचा, कोट, लुहारली, नगला चमरू, दुजाना, बढ़पुरा, खटाना धीरखेड़ा सहित अन्य गांव के तालाबों पर कब्जा हो गया है।

तालाब की ज़मीन पर बने सरकारी भवन लुहारली गांव में तालाब की ज़मीन पर कब्जा कर खेती हो रही है। दादरी में तालाब की जमीन पर नगर पालिका का कार्यालय बना है। दादरी में ही तालाब कौ जमीन पर बारात घर बना दिया गया है। फूलपुर में तालाब की जमीन पर मंदिर बना हुआ है। तुगलपुर में तालाब की जमीन पर कालेज का निर्माण हो गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति अन्य गांबों के तालाब की भी है।

सुहास एल वाई, जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर का कहना है कि जिलाधिकारी ने प्राधिकरण व तीनों तहसील के अधिकारियों को तालाबों की जमीन पर कब्जा हटाने का निर्देश दिया गया है। जल्दी तालाबों की खुदाई करा कर उसे पुराने रूप में लाया जाएगा। 

देश भर में अपने तालाबों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। लोग अपने एक्शन से दिखा रहे हैं कि ऐसे बचेंगे पार्क, नदियां, तालाब। 
 

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