अम्बा नींबू बनिया गर दाबे रस देयँ

Published on
1 min read


अम्बा नींबू बनिया गर दाबे रस देयँ।
कायथ कौवा करहटा मुर्दा हू सों लेयँ।।


भावार्थ- आम, नींबू और बनिया ये बिना दबाये रस नहीं देते और कायस्थ कौवा और किलहटा (एक पक्षी) ये मुर्दे से भी रस निकाल लेते हैं।

संबंधित कहानियां

No stories found.
India Water Portal - Hindi
hindi.indiawaterportal.org