आर्कटिक महासागर

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पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित उत्तरीध्रुवीय महासागर या आर्कटिक महासागर, जिसका विस्तार अधिकतर आर्कटिक उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में है. विश्व के पांच प्रमुख समुद्री प्रभागों (पांच महासागरों) में से यह सबसे छोटा और उथला महासागर है. अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (IHO) इसको एक महासागर तजवीज़ करता है जबकि, कुछ महासागरविज्ञानी इसे आर्कटिक भूमध्य सागर या केवल आर्कटिक सागर कहते हैं, और इसे अन्ध महासागर के भूमध्य सागरों मे से एक मानते हैं.

लगभग पूरी तरह से यूरेशिया और उत्तरी अमेरिका से घिरा, आर्कटिक महासागर आंशिक रूप से साल भर में समुद्री बर्फ के ढका रहता है (और सर्दियों में लगभग पूर्ण रूप से). आर्कटिक महासागर का तापमान और लवणता, मौसम के अनुसार बदलती रहती है क्योंकि इसकी बर्फ पिघलती और जमती रहती है. पांच प्रमुख महासागरों में से इसकी औसत लवणता सबसे कम है, जिसका कारण कम वाष्पीकरण, नदियों और धाराओं से भारी मात्रा में आने वाला मीठा पानी और उच्च लवणता वाले महासागरों से सीमित जुड़ाव जिसके कारण यहां का पानी बहुत कम मात्रा में इन उच्च लवणता वाले महासागरों बह कर जाता है. ग्रीष्म काल में यहां की लगभग 50% बर्फ पिघल जाती है. राष्ट्रीय हिम और बर्फ आँकड़ा केन्द्र, उपग्रह आँकड़ों का प्रयोग कर आर्कटिक समुद्री बर्फ आवरण और इसके पिघलने की दर के पिछले सालों के आंकड़ों के आधार पर एक तुलनात्मक दैनिक रिकॉर्ड प्रदान करता है.
 

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