पुस्तकें
आ देख जरा तू आने वाले पानी को
आ देख जरा तू आने वाले पानी को
जंगल! ओ जंगल।
नया गीत दे, बादल भरी, कहानी को
जंगल, ओ जंगल।
कई कथाओं वाले पर्वत पढ़ ले तू।
बर्फीले जंगल में आग पहन ले तू।
और गीत दे पंखों भरी जवानी को
जंगल! ओ जंगल
परिकथाओं को भी थोड़ा पानी दे,
शहराते बच्चों को चिड़िया रानी दे।
नई तान दे लोक गीत की बानी को
जंगल! ओ जंगल।
ताजी रोटी जैसी हवा नहा के दे,
यारों की महफिल को रोज ठहाके दे।
याद जरा कर, मां की डांट पुरानी को,
जंगल, ओ जंगल।
सागर को भी हवा-हवा हो जाना है,
बादल में पानी-पानी बो जाना है।
नई बात दे बीती हुई कहानी को,
जंगल! ओ जंगल?
सूरज की किरणें बाहें फैलाती हैं,
पेड़ों की परछाई हाथ मिलाती है।
संदेशा दे युद्धों की मन मानी का,
जंगल ओ! जंगल।