गंगऊ अभ्यारण्य
मध्य प्रदेश स्थित अन्य अभ्यारणों की तरह यह अभ्यारण्य तुलनात्मक रूप से पुराना अभ्यारण्य है। इसका नाम वर्तमान में गंगऊ वीरान ग्राम के नाम से रखा गया है। जो पन्ना स्टेट की पुरानी तहसील थी। पुराने समय का प्रतिष्ठित गाँव था जो वर्तमान में पन्ना टाइगर रिजर्व के सीमान्तर्गत बीरान गाँव हैं। गंगऊ अभ्यारण कराकल का (विशेष जंगली बिल्ली) (Kunx Carcal) अन्तिम निवास स्थान माना जाता है। मध्य भारत के शुष्क पर्णपाती जंगल का यह जानवर विलुप्तप्राय जन्तु प्रजाति है। विगत वर्षों में कराकल को अभ्यारण के अंदर और बाहर देखा गया है। बाघ के अतिरिक्त अन्य माँसाहारी वन्य प्राणी-जैसे तेंदुआ, भेड़िया, जंगली कुत्ता, लकड़बग्घा, भालू एवं सियार इत्यादि भी इस आरक्षित क्षेत्र में पाये जाते है। चूँकि गंगऊ अभ्यारण की सीमा पन्ना टाइगर रिजर्व से लगी होने के कारण, राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में वन्य पशुओं के वास स्थान में उल्लेखनीय सुधार होने के कारण वन्य पशुओं की संख्या में जहाँ बढ़ोत्तरी हुई है, वहीं गंगऊ अभ्यारण क्षेत्र की समुचित सुरक्षा एवं वन्य पशुओं के वास स्थान में सुधारात्मक कार्य करने से यह क्षेत्र वन्य पशुओं के लिए समुचित वफर जोन (अंतरथ प्रक्षेत्र) के रूप में अति उपयोगी होगा।