नैनीताल में बसावट की प्रक्रिया शुरू
नैनीताल से लौटने के करीब दो महीने बाद 26 फरवरी, 1842 को पीटर बैरन ने शाहजहाँपुर से कुमाऊँ के तत्कालीन वरिष्ठ सहायक कमिश्नर जे.एच.बैटन को प्रार्थना-पत्र भेजकर नैनीताल में घर और बगीचा बनाने के लिए लीज पर जमीन स्वीकृत करने का अनुरोध किया। बैरन नैनीताल में जमीन के लिए आवेदन करने वाले सम्भवतः पहले व्यक्ति थे। इसके जवाब में बैटन ने बैरन को पत्र भेजकर जानकारी दी कि उनके प्रार्थना-पत्र पर विचार करने से पहले कुमाऊँ के कमिश्नर मिस्टर जी.टी.लुशिंगटन खुद मौके पर जाएँगे। नैनीताल में जमीन देने के नियम तय करेंगे।
नार्थ वेस्टर्न प्रोविंसेस के सदर बोर्ड ऑफ रेवन्यू के सचिव एच.एम. इलियट ने कुमाऊँ के कमिश्नर को नैनीताल में लीज पर जमीन देने के नियम एवं शर्ते तय करने के आदेश दिए थे। इसी बीच कुमाऊँ के तत्कालीन कमिश्नर जी.टी.लुशिंगटन भी नैनीताल में खुद के लिए जमीन आवंटित करने का प्रार्थना-पत्र दे चुके थे। कमिश्नर लुशिंगटन और बैरन के अलावा बैरन के शाहजहाँपुर के पड़ोसी जी.बी.सॉन्डर्स, मिस्टर मैक्लेअल और डॉ.कोलकुहन नैनीताल में जमीन माँगने वाले शुरुआती आवेदकों में थे। 1842 में नार्थ वेस्टर्न प्रोविंसेस की सरकार ने नैनीताल के बंदोबस्त प्रावधान को स्वीकृति दे दी थी। 21 अक्टूबर, 1842 को सदर बोर्ड ऑफ रेवन्यू के सचिव एच.एम.इलियट ने नार्थ वेस्टर्न प्रोविंसेस के सचिव एन.सी.हैमिल्टन को एक पत्र लिखा। पत्र में कहा गया कि जिला अधिकारी की रिपोर्ट से ज्ञात हुआ है कि नैनीताल में तालाब के किनारों की जमीन खाली और बेकार पड़ी है। यह जमीन सरकार के प्रबन्धाधीन एवं स्वामित्व में है।
इस सम्बन्ध में सरकार जैसा उचित समझे, निर्णय ले सकती है। नैनीताल में दो आना प्रति कच्चा बीघा लीज रेंट तय किया गया है। कहा गया है कि लीज रेंट के रूप में प्राप्त धनराशि को जमा कर लिया जाए। यह धनराशि भविष्य में नैनीताल की बेहतरी में खर्च होगी। अगर बैरन को यह शर्त मंजूर हो तो उनके द्वारा मांगी गई जमीन चिन्हित कर उन्हें दे दी जाए। बोर्ड ऑफ रेवन्यू ने नैनीताल में जमीन आवंटित करने से पहले यहाँ का सर्वे करा लेने का भी सुझाव दिया।
नार्थ वेस्टर्न प्रोविंसेस के सचिव एच.बी. रिड्डेल ने बोर्ड ऑफ रेवन्यू के सचिव एच.एम.इलियट को 3 दिसम्बर, 1842 को पत्र लिखा कि गवर्नर जनरल नैनीताल में जमीन की लीज देने सम्बन्धी नियमों पर सहमत हैं। बोर्ड ऑफ रेवन्यू को आदेश दिया गया कि जमीन आवंटन सम्बन्धी प्रकरणों में यदि आवश्ययक हो तो विस्तृत आदेश पारित किए जाएँ। किसी को बहुत ज्यादा जमीन आवंटित नहीं की जाए। अच्छी जमीनें बाजार, मेले, सार्वजनिक भवनों, चर्च आदि के लिए अलग छोड़ दी जाए, इन बातों का खास ध्यान रखा जाए। फिर गवर्नर जनरल ने अगला आदेश दिया कि बोर्ड ऑफ रेवन्यू, लेफ्टिनेंट गवर्नर की अनुमति से नैनीताल के सर्वे के लिए किसी अधिकारी को नियुक्त करे। फिलहाल बैरन द्वारा माँगी गई जमीन का सर्वे करा लिया जाए।
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