नदी इस किनारे केवलया केवल उस किनारेया मँझधार ही पूरी वहप्यार में नदी समझ में नहीं आतीनदी में भीगने सेलगता हैबरसात में भीगाबिना छाता लिएजब कभी टहलने निकला।बाढ़ में डूबी उलटी नाव कीछत के नीचेहमारा घर बसा है।
नदी इस किनारे केवलया केवल उस किनारेया मँझधार ही पूरी वहप्यार में नदी समझ में नहीं आतीनदी में भीगने सेलगता हैबरसात में भीगाबिना छाता लिएजब कभी टहलने निकला।बाढ़ में डूबी उलटी नाव कीछत के नीचेहमारा घर बसा है।