पुस्तकें
नदी के साथ बहें, सदी के साथ बहें
नदी के साथ बहें,
सदी के साथ बहें,
टूटते हुए नदी के इन किनारों से
राजधानियों की भ्रष्ट इन बहारों से
जरा दूर रहें
थकन से चूर रहें।
बहाव तेज है नदी का तू संभल के चल
बिजलीयों में इस बहाव को बदल के चल
ये बात मन से कहें
से बात जन से कहें
सवाल से भरी गुफा से तू निकल के आ
बोलते हुए इन जंगलों में हाथ मिला
इन्हें प्रमाण कहें
इन्हें सलाम कहें
ये बाँह सूर्य की पहाड़ से उतरती है,
इसकी ऊर्जा, सांसों में महकती है,
बाल मन में रहें
स्वच्छ जल में रहें
झूलते पर्वतों के दर्द, को मिटाऐ हम
बर्फ में लगी इस आग को बुझाएं हम
नदी के साथ बहें सदी के साथ बहें।