सहजन में छिपा है त्‍वचा की खूबसूरती का राज

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त्वचा की कई समस्याओं का इलाज सहजन व गुलाब के फूलों में छिपा है। इनमें कई तरह के हारमोन्स और प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो त्वचा की सेहत के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। सहजन व गुलाब के फूलों में मौजूद इन यौगिकों को सदियों से त्वचा की देखभाल के लिए इस्तेमाल किया जाता है। फूलों के निकले अर्क और तेलों को परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों में खास स्थान दिया गया है।

सुरजना या सहजन : सहजन या सुरजने का समूचा पेड़ ही चिकित्सा के काम आता है। इसे जादू का पेड़ भी कहा जाता है। त्वचा रोग के इलाज में इसका विशेष स्थान है। सहजन के बीज धूप से होने वाले दुष्प्रभावों से रक्षा करते हैं। अक्सर इन्हें पीसकर डे केअर क्रीम में इस्तेमाल किया जाता है। बीजों का दरदरा पेस्ट चेहरे की मृत त्वचा को हटाने के लिए स्क्रब के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। फेस मास्क बनाने के लिए सहजन के बीजों के अलावा कुछ और मसाले भी मिलाना पड़ते हैं।

सहजन के बीजों का तेल सूखी त्वचा के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक ताकतवर मॉश्‍चराइजर है। इसके पेस्ट से खुरदुरी और एलर्जिक त्वचा का बेहतर इलाज किया जा सकता है। सहजन के पेड़ की छाल गोखरू, कील और बिवाइयों के इलाज की अक्सीर दवा मानी जाती है।

इसके बीजों का तेल शिशुओं की मालिश के लिए प्रयोग किया जाता है। त्वचा साफ करने के लिए सहजन के बीजों का सत्व कॉस्मेटिक उद्योगों में बेहद लोकप्रिय है। सत्व के जरिए त्वचा की गहराई में छिपे विषैले तत्व बाहर निकाले जा सकते हैं।

मृत त्वचा के पुनर्जीवन के लिए इससे बेहतर कोई रसायन नहीं है। धूम्रपान के धुएँ और भारी धातुओं के विषैले प्रभावों को दूर करने में सहजन के बीजों के सत्व का प्रयोग सफल साबित हुआ है। सहजन के बीजों का पेस्ट त्वचा के रंग और टोन को साफ रखने में मदद करता है।

साभार: नईदुनिया

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