संशय

Published on
1 min read

नयन की रसधार
सुरभि के संस्पर्श में
कहती पुकार-पुकार-
मैं नदी, तुम कूल-तरु
निर्मूल दूर-विचार
भेद नव होना असंभव
जब तुम्हीं आधार
कर लो धार का उद्धार।

संबंधित कहानियां

No stories found.
India Water Portal - Hindi
hindi.indiawaterportal.org