10 जिलों में लागू होगी नीर निर्मल योजना

10 जिलों में लागू होगी नीर निर्मल योजना

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हर ग्रामीण को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकताओं में एक है। 10 जनपदों गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, गाजीपुर, बलिया, इलाहाबाद, सोनभद्र बहराइच तथा गोंडा में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन उप्र द्वारा विश्व बैंक सहायतीत ग्रामीण पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विषयक नीर निर्मल परियोजना संचालित की जा रही है।

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समुदाय को विकेन्द्रीकृत आधार पर शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल तथा स्वच्छता सेवाएं उपलब्ध कराना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए इन जनपदों के चयनित ग्राम पंचायतों में निर्मित होने वाली पेयजल योजनाओं में ग्रामीण समुदाय की भागीदारी कराना, माँग आधारित रणनीति, परियोजना गठन, संचालन व रख-रखाव में समुदाय के योगदान एवं परियोजना के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर विशेष बल दिया जाना है।

यह बात प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मन्त्री स्वतन्त्र प्रभार अरविंद सिंह गोप ने बक्शी का तालाब स्थित दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में नीर निर्मल परियोजना के तहत आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में कही। गोप ने कहा कि ‘सेन्टर फॉर डेवलपमेन्ट एक्शन’ द्वारा चयनित 10 जनपदों के विभिन्न स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन राज्य ग्राम्य विकास संस्थान मुख्यालय एवं चयनित जनपदों में स्थित क्षेत्रीय-जिला ग्राम्य विकास संस्थानों पर अप्रैल के अन्तिम सप्ताह से प्रारम्भ किये जा रहे हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए संस्थान द्वारा ट्रेनिंग एक्शन प्लान तैयार किया गया है। 10 जनपदों को 4 क्षेत्रों में विभाजित कर प्रशिक्षण संस्थानवार रखा गया है। मुख्यालय स्तर पर राज्य स्तरीय रिसोर्स टीम एवं क्षेत्र स्तरों पर प्रत्येक क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय रिसोर्स टीम का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में 4 रिसोर्स व्यक्ति चयनित किए गए हैं। मन्त्री ने कहा कि चयनित रिसोर्स टीम के सदस्यों एवं सम्बन्धित क्षेत्रीय-जिला ग्राम्य विकास संस्थानों के प्रशिक्षकों के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण उत्तराखण्ड प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी नैनीताल में आयोजित किया जा चुका है।

इस कार्यक्रम के तहत परियोजना में चयनित सपोर्ट आर्गेनाइजेशन के सदस्यों के लिए 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम क्षेत्र स्तर पर 21 अप्रैल से प्रारम्भ किया जा रहा है। वर्ष 2015-16 में राज्य स्तर पर 2160 एवं क्षेत्र स्तर पर 6500 विभिन्न स्टेक होल्डर्स को प्रशिक्षित किया जायेगा।

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