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Aana sagar and Pai sagar lake (आना सागर व पाई सागर झील)

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अजमेर की सुप्रसिद्ध झील आना सागर बड़ी सुहावनी झील है। आना सागर नामक इस कृत्रिम झील के किनारे स्थित अजमेर, राजस्थान का दूसरा प्रमुख नगर है। पृथ्वीराज के पितामह आनाजी ने इसका निर्माण 1137 में कराया था। इसी झील से अजमेर नगर को पेयजल उपलब्ध होता है। इस झील के चारों ओर संगमरमर के दरवाजे स्थित हैं। जब यह झील भर जाती है तो इसका पानी अजमेर नगर में ही स्थित एक अन्य झील ‘पाई सागर’ में छोड़ दिया जाता है। बारहवीं सदी में निर्मित इस झील को लूनी नदी से विकसित किया गया था। सन् 1637 में शाहजहां द्वारा लगाया गया दौलत बाग इस झील के सौंदर्य को बढ़ा देता है।

2 - आनासागर झील अजमेर (भारतकोश से)


• राजस्थान के शहर अजमेर में कई पर्यटन स्थल है जिनमें से ये एक है।
• अजमेर शहर के बीच बनी यह सुंदर कृतिम झील यहाँ का सबसे रमणीक स्थल है।
• अजमेर के दक्षिण में सुंदर पहाडिय़ों के बीच 13 किलोमीटर की परिधि में स्थित है।
• इसके जल में संध्या के समय किनारे पर खड़े विशाल नाग पहाड़ का प्रतिबिम्ब झलकता है।
• इस झील का निर्माण राजा अरणो रा आनाजी ने 1135 से 1150 के बीच करवाया था।
• राजा अरणो रा आनाजी सम्राट पृथ्वीराज चौहान के पिता थे।
• बाद में मुग़ल शासक ने इसके किनारे एक शाही बाग़ बनवाया जिसे दौलत बाग़ व सुभाष उद्यान के नाम से जाना जाता है।
• सम्राट शाहजहाँ ने सन 1627 में लगभग 1240 फीट लम्बा कटहरा लगवाकर और बेहतरीन संगमरमर की पांच बारहदारियाँ बनवाकर इसकी रमणीयता में चार चाँद लगा दिए।
• साथ ही यहाँ शाहजहाँ ने झील की पाल पर संगमरमर की सुंदर बारहदरी का निर्माण करवा कर इस झील की सुन्दरता में चार चाँद लगा दिए।
• यहाँ मनोरंजन में बच्चों के लिए झूले, मिनी ट्रेन और बोटिंग अदि की सुविधा है।

अन्य स्रोतों से:

3 - आनासागर झील की सफाई शुरू


दैनिक भास्कर 24-12-2010


नगर निगम प्रशासन ने गुरुवार को आनासागर झील के किनारों से गंदगी और काई हटाने का काम शुरू कर दिया।

आनासागर चौपाटी पर निगम कर्मचारियों ने किनारे पर जमा गंदगी निकाल कर बाहर ढेर कर दी। इसे तत्काल वहां से नहीं हटाया गया जिससे बदबू और ज्यादा तेज बढ़ गई है। निगम की यह कार्रवाई फिलहाल ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है।

सफाई नियमित होगी: नगर निगम सीइओ सीआर मीणा के निर्देश पर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी प्रहलाद भार्गव ने आठ कर्मचारियों को झील के किनारों से गंदगी हटाने के लिए लगाया। आनासागर लिंक रोड तिराहे पर चौपाटी के किनारे जमा गंदगी को कर्मचारियों ने निकाल कर बाहर ढेर लगा दिया। इससे बदबू और बढ़ गई। भार्गव ने बताया कि कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। झील के किनारों से गंदगी हटाने का काम नियमित किया जाएगा। निकाली गई गंदगी को शहर से दूर ले जाया जाएगा।

झील की सफाई के लिए अलग से ठेके: उन्होंने बताया कि निगम की ओर से झील की सफाई कार्य ठेके पर कराया जाएगा। साल भर के लिए ठेकेदार को अधिकृत किया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी।

आनासागर की भूमि का अधिग्रहण जल्द


दैनिक भास्कर 18-07-2010


नगर सुधार न्यास ने शहर की ऐतिहासिक धरोहर आनासागर झील के अस्तित्व को बचाने के लिए अब कमर कस ली है। नगरीय विकास विभाग ने आनासागर झील के परिधि क्षेत्र में वैटलैंड विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण करने का फैसला किया है।

इसके तहत भूमि पर ऐसे पेड़ लगाए जाएंगे जो जल प्रदूषण को रोकेंगे। भूमि अधिग्रहण होने पर अतिक्रमण भी नहीं हो सकेंगे। इस मामले में मिली आपत्तियों का निस्तारण कर सरकार को न्यास प्रस्ताव भेज रहा है। प्रस्ताव स्वीकृत होते ही न्यास जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू कर देगा।

सरकार ने करीब चार माह पहले 215 बीघा भूमि अधिग्रहीत करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद न्यास ने लोगों से आपत्तियां मांगी थीं। न्यास अगले सप्ताह तक आपत्तियों का निस्तारण कर सरकार को प्रस्ताव भेज देगा। जमीन अधिग्रहण करने में 30 से 35 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है।

55 बीघा है सरकारी भूमि


अधिग्रहण के फैसले से वृंदावन गार्डन, गोविंदम समारोह स्थल, करणी नगर में बने आवास और ईंट्ट के भट्टे पर गाज गिरेगी। अधिग्रहण की जाने वाली 215 बीघा भूमि में 55 बीघा नगर सुधार न्यास की है। इसके अलावा 35 बीघा भूमि चारभुजा मंदिर, 23 बीघा भूमि डालचंद सहित अन्य खातेदारों की है।

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बाहरी कड़ियाँ:

विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia):

संदर्भ:

1 - प्रकाशन विभाग की पुस्तक - हमारी झीलें और नदियां - लेखक - राजेन्द्र मिलन - पृष्ठ - 48

2 - http://hi.bharatdiscovery.org/

3 - http://www.bhaskar.com/

4 - http://www.bhaskar.com/