अब पानी की बारी

10 Feb 2009
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दिल्ली के लिए मास्टर प्लैन 2021

6 Feb 2009, नवभारत टाइम्स / वीरेंद्र वर्मा

नई दिल्ली। दिल्ली जल बोर्ड ने पानी और सीवेज के लिए भी एक मास्टर प्लैन पर काम शुरू कर दिया है। डीडीए की तरह यह प्लैन भी 2021 के लिए तैयार किया जाएगा। इस प्लैन के हिसाब से, 2021 में राजधानी में 1,380 एमजीडी पानी की जरूरत होगी। इतना पानी कहां से आएगा, पानी के और कौन से स्रोत होंगे और वॉटर व सीवेज ट्रीटमंट प्लांट कहां-कहां लगाए जाएंगे, इन सबके लिए जल बोर्ड कंसलटेंट तैनात करेगा। कंसलटेंट का काम सभी पहलुओं पर स्टडी रिपोर्ट तैयार करना होगा। कंसलटेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। टेंडर जमा करने की अंतिम तारीख 20 फरवरी तय की गई है।

इस समय राजधानी की आबादी करीब 1.60 करोड़ और पानी की मांग 950 एमजीडी है, जबकि जल बोर्ड केवल 730 एमजीडी पानी सप्लाई कर पाता है। यानी करीब 220 एमजीडी पानी की कमी है। अनुमान है कि 2021 तक राजधानी की आबादी 2.21 करोड़ हो जाएगी और पानी की मांग बढ़कर 1,380 एमजीडी तक पहुंच जाएगी। निर्माणाधीन मुनक नहर से 80 एमजीडी एक्स्ट्रा पानी मिलने की उम्मीद है। अगर यह पानी जुड़ जाता है, तो भी जल बोर्ड के पास 850 एमजीडी के आसपास ही पानी मौजूद होगा। जल बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, 275 एमजीडी पानी रेणुका डैम से भी मिलेगा।

लेकिन इन सबके बाद भी राजधानी को करीब 250 एमजीडी पानी की और जरूरत होगी। यह पानी कहां से मिलेगा और कहा-कहां प्लांट लगाने होंगे, इसकी स्टडी भी कंसलटेंट करेगा। कंसलटेंट अपनी स्टडी रिपोर्ट में यह भी बताएगा कि पानी साफ करने के लिए राजधानी में कहां-कहां वॉटर ट्रीटमंट प्लांट तैयार किए जाएंगे। मुनक नहर से मिलने वाला 850 एमजीडी पानी द्वारका, ओखला व बवाना वॉटर ट्रीटमंट प्लांट में साफ किया जाएगा।

गौरतलब है कि द्वारका प्लांट की क्षमता 50 एमजीडी और ओखला व बवाना की 20-20 एमजीडी है। द्वारका व ओखला प्लांट का निर्माण होना अभी बाकी है, जबकि बवाना प्लांट बनकर तैयार है। साथ ही, सीवेज सिस्टम में सुधार के उपाय भी कंसलटेंट अपनी स्टडी रिपोर्ट में देगा।

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साभार - नवभारत टाइम्स

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