अमृत से जहर बना यूपी का पानी
21 August 2012

जिस पानी को पहले लोग अमृत समझते थे वहीं पानी आज उनके लिए जहर बन गया है। हाल ही में यूनिसेफ की मदद से उत्तर प्रदेश सरकार ने एक सर्वे करवाया, जिसमें उत्तर प्रदेश के 51 जिलों का भूजल “आर्सेनिक” प्रदूषित पाया गया है।डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार पानी में आर्सेनिक की मात्रा प्रति अरब 10 पार्ट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए या प्रति लीटर में 0.05 माइक्रोग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। लेकिन शोध बताते हैं कि यह इन क्षेत्रों में 100-150 पार्ट प्रति बिलियन तक पानी में आर्सेनिक पहुंच चुका है। बलिया और लखीमपुर जिले सबसे अधिक प्रभावित पाये गये। एहतिहात के तौर पर सैकड़ों की संख्या में हैण्डपम्प सील कर दिये गये हैं।

बहराईच, चन्दौली, गाजीपुर, गोरखपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, सन्त कबीर नगर, उन्नाव, बरेली और मुरादाबाद, जिलों में भी आर्सेनिक की अधिक मात्रा पाई गई है, जबकि रायबरेली, मिर्जापुर, बिजनौर, मेरठ, सन्त रविदास नगर, सहारनपुर और गोण्डा आंशिक रूप से प्रभावित जिले हैं। मथुरा में बैराज के कारण यमुना का रुका जल स्थानीय भू गर्भ के लिए खतरा बन रहा है तो मथुरा के आसपास के कुछ स्थानों पर बोरिंग के दौरान लाल रंग का पानी निकलने लगा है। 51 जिलों के हैंडपंप और नलों से 93 हजार नमूने लिए गए। इनमें से 14,675 नमूनों में पानी जहरीला पाया गया। पानी में क्रोमियम, आर्सेनिक और लेड जैसे जहरीले तत्व मिले यानि पानी दरअसल जहर बन चुका है।

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