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अणु

अणु द्रव्य के उस सूक्ष्मतम कण को, जो स्वतंत्र अवस्था में रह सकता है और जिसमें द्रव्य के सब गुण विद्यमान रहते हैं, अणु (मौलिक्यूल) कहते हैं। अणु में साधारणत दो या अधिक परमाणु (ऐटम) रहते हैं। अणु की परिकल्पना के पूर्व परमाणु को ही तत्वों तथा यौगिकों दोनों का सूक्ष्मतम कण माना जाता था। डाल्टन और बर्जीलियस ने तब यह कल्पना की थी कि समान ताप तथा दाब पर सब गैसों के एक निश्चित आयतन में उपस्थित परमाणुओं की संख्या समान होही है। इस कल्पना से जब गे-लूसाक के गैस आयतन संबंधी नियम को समझाने का प्रयत्न किया गया तब कठिनाई उपस्थित हुई। इसी कठिनाई को हल करने के लिए इटली के वैज्ञानिक अमीडिओ आवोग्राडो (1776-1856) ने अणुओं की कल्पना की।

प्रत्येक पदार्थ छोटे-छोटे अणुओं से मिलकर बना है। इन अणुओं के बीच खाली स्थान रहता है जिसमें अणु तीव्र गति से भ्रमण करते रहते हैं। अणुओं के बीच की खाली स्थान वाली यह दूरी भिन्न पदार्थों में भिन्न होती है। एक ही पदार्थ की तीन अवस्थाओं में अंतर इस बीच की दूरी के कारण ही पाया जाता है। अर्थात्‌ ठोस अवस्था में अणु पास-पास रहते हैं। द्रवों में अणुओं के बीच की दूरी ठोस की अपेक्षा अधिक होती है। दूरी बढ़ने से अणुओं के पारस्परिक आकर्षण में कमी आ जाती है और अणुओं को गतिशील होने की अधिक स्वतंत्रता मिल जाती है। गैस हो जाने पर अणुओं के बीच की दूरी बहुत अधिक हो जाती है और उनके बीच आकर्षण बल नहीं के बराबर रह जाता है। इससे वे लगभग पूर्णत स्वतंत्र होकर प्रत्येक दिशा में निरंतर स्वच्छंद गति की स्थिति में आ जाते हैं।

अणुओं का परिमाण जानने के लिए यदि हम उनको छोटी-छोटी गेंदें मानकर पास-पास सटाकर रख दें तो 1 सें. मी. लंबे स्थान में लगभग 10 करोड़ अणु आ जाएँगे। अणु एक या एक से अधिक परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं। तत्वों के अणु समान परमाणुओं से मिलकर और यौगिक के अणु असमान परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं। विविन्न पदार्थों के अणु विभिन्न प्रकार के होते हैं।अणु सूत्र किसी तत्व अथवा यौगिक का वह सूत्र है जो उसके लिए एक अणु के परमाणु की पूर्ण संख्या का द्योतक है। जैसे ऑक्सीजन (तत्व) और सोडियम क्लोराइड (यौगिक) के अणु सूत्र क्रमश 02 तथा NaC1 है।

अणुभार अणुओं के भार व्यक्त करने के लिए कार्बन (C12 समस्थानिक) के परमाणु के भार के बारहवें भाग को भार की इकाई मान लिया गया है। किसी पदार्थ का अणुभार उसके एक अणु का सापेक्ष भार है जबकि तुलना के लिए कार्बन के एक परमाणु का भार 12 माना जाए। यह केवल एक अंक मात्र ही है। उदाहरण के लिए मैगनिसियम कार्बोनेट का अणुभार 84 है जिसका अर्थ यह है कि मैगनिसियम कार्बोनेट का एक अणु कार्बन के एक परमाणु से सात गुना या कार्बन के एक परमाणु के बारहवें भाग से 84 गुना भारी है।

यह अणु में उपस्थित परमाणुओं के परमाणु भारों को जोड़ने से भी निकल जाता है। जैसे-
NaC1 का अणुभार =Na का परमाणु भार +C1 का परमाणु भार
= 23 +35.5=58.5

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