अवैधानिक मुद्रा में व्यापार


क्रिप्टो करेंसीज न सिर्फ अधिक ऊर्जा की खपत करती है और निवेश को नियंत्रित करती है, बल्कि इसने हाल ही में दुनिया की कमोडिटी मार्केट में प्रवेश भी किया है। जहाँ वे कहर बरपा सकते हैं। अमेरिका और कनाडा में क्रिप्टो करेंसीज को कमोडिटी का दर्जा दिया गया है। वे व्यापक रूप से डेरिवेटिव मार्केट में उपयोग किये जाते हैं।

वर्ष 2017 के शुरुआती दिनों में बिटक्वाइंस और क्रिप्टो करेंसीज के बारे में लोग बहुत कम जानते थे। ये साल के अन्त तक एक बड़ी घटना बन गई। 2017 तक एक बिटक्वाइन का मूल्य 900 से 19,000 डॉलर तक हो गया और अब 40 प्रतिशत तक गिर गया है। यह 17 जनवरी को लक्जमबर्ग स्थित बिटस्टैम्प एक्सचेंज में 10,000 डॉलर के बराबर था। इसने तीव्र अस्थिरता दिखाई। हालांकि, इसे किसी भी देश द्वारा मान्यता नहीं दी गई है, फिर भी क्रिप्टो करेंसीज ने अनिवार्य मान्यता प्राप्त कर ली है और विश्व कमोडिटी बाजार में अपना रास्ता मजबूत कर लिया है। आप इससे सिनेमा टिकट से लेकर गैजेट्स और पेट्रोल तक खरीद सकते हैं।

इसने दुनिया के बड़े बैंकिंग समूह जेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी दीमोन को शब्द वापस लेने पर मजबूर कर दिया। सितम्बर 2016 में उन्होंने बिटक्वाइंस को धोखाधड़ी वाली योजना कहा था। चार महीने बाद, 9 जनवरी को फॉक्स टीवी को दिये एक साक्षात्कार में उन्होंने अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया और कहा, ‘ब्लॉकचेन’ वास्तविक है। आपके पास क्रिप्टो येन और डॉलर जैसी मुद्रा हो सकती है।

ब्लॉकचेन तकनीक, जो क्रिप्टो करेंसीज का आधार है, डेटा को प्रबन्धित करने का नया तरीका है। यह डिजिटल सॉफ्टवेयर है, जो डिजिटल सम्पत्ति प्रबन्धन के लिये एक डिजिटल लेजर लिखता है। इसका उपयोग ऐसे रिकॉर्ड बनाना है, जिन्हें हैक नहीं किया जा सकता, डेटाबेस को करप्ट नहीं किया जा सकता। विडम्बना यह है कि, अब तक 4 अलग-अलग घटनाओं में 0.9 मिलियन से अधिक बिटक्वाइन गुम हो गए हैं या हैक किये गए हैं। इसमें 2014 में सामने आया माउंट गॉक्स एक्सचेंज घोटाला सबसे प्रसिद्ध था।

इसका अर्थ है कि कुछ भी हैक प्रूफ नहीं है। सितम्बर 2017 में आईईईई स्पेक्ट्रम पत्रिका, यूएस-स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग द्वारा सम्पादित, में प्रकाशित जूनियर रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की 60 फीसदी कम्पनियाँ अपने उत्पादों के लिये इंटीग्रेटिंग ब्लॉकचेन तकनीक पर अनुसन्धान कर रही हैं। इस लेख के लेखक, मॉर्गन ई पेक हैं। पेक एक बैंकर और क्रिप्टोकरेंसीज विशेषज्ञ भी हैं। वह सही पूछते हैं कि क्या वाकई हमें ब्लॉकचेन की आवश्यकता है और यदि हम ऐसा करते हैं, तो किस कीमत पर करते हैं?

वैश्विक निवेश पर नियंत्रण


क्रिस लार्सन, क्रिप्टो करेंसी रिपल के संस्थापक, दिसम्बर 2017 में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को पछाड़ते हुए कुछ समय के लिये दुनिया के पाँचवें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। रिपल की कीमत पिछले साल 515 गुना बढ़ गई और इससे लार्सन की सम्पत्ति 59 बिलियन डॉलर पहुँच गई। यह चिन्ताजनक है कि सीमित क्षमता और उच्च सट्टा मुनाफे की वजह से निवेशक क्रिप्टो करेंसीज खरीदने के लिये फंड्स में बदलाव कर रहे हैं। दुनिया में 100 से अधिक क्रिप्टो करेंसीज अरबपति हैं।

इंग्लैंड, फ्रांस, चीन और भारत के केन्द्रीय बैंकों ने क्रिप्टो करेंसीज में निवेश नहीं करने की सलाह जारी की है। दो अमेरिकी राज्यों अलास्का और इडाहो ने भी नॉर्थ अमेरिकन सिक्योरिटीज एडमिनिस्ट्रेशन के एक सर्वे के आधार पर चेतावनी जारी की है। यह संस्था अमेरिका के 50 राज्यों डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलम्बिया, प्यूर्टो रिको, यूएस वर्जिन आइलैंड्स, कनाडा और मैक्सिको के कुल 67 राज्यों, प्रान्त और क्षेत्रीय सिक्योरिटीज एडमिनिस्ट्रेशन का स्वैच्छिक संगठन है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 94 प्रतिशत राज्यों और प्रान्तीय प्रतिभूति नियामकों का मानना है कि बिटक्वाइन और अन्य डिजिटल मुद्राओं में धोखाधड़ी का उच्च जोखिम शामिल है। चेतावनी के बावजूद, जेब पे, मुम्बई की एक एप आधारित बिटक्वाइन एक्सचेंज, भारतीय डेबिट कार्ड स्वीकार करता है। 2015 से इसे 0.5 मिलियन बार डाउनलोड किया गया है और हर दिन 2,500 से ज्यादा उपयोगकर्ता इससे जुड़ रहे हैं।

कार्बन पदचिन्ह


ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी से निकलने वाले क्रिप्टो करेंसीज बहुत अधिक ऊर्जा की खपत करते हैं। बिटक्वाइंस हासिल करने के तीन बुनियादी तरीके हैं- एक्सचेंज से खरीदना, माल और सर्विस के बदले उन्हें स्वीकार करना और नए करेंसीज खोजना। ‘खनन’ बिटक्वाइंस लेन-देन को सत्यापित करता है और इसके लिये कुछ खास सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की आवश्यकता होती है। दुनिया की 80 फीसदी बिटक्वाइंस की माइनिंग चीन में की जाती है, जहाँ एनर्जी और कम्प्यूटर हार्डवेयर सस्ते हैं। बिटक्वाइंस बनाने के लिये बड़ी मात्रा की कम्प्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता होती है, जो हर 10 मिनट में एक की दर से बनाया जाता है।

एक न्यूज वेबसाइट नेचुरल न्यूज के अनुसार, बिटक्वाइंस खनन में दुनिया की बिजली का 0.18 प्रतिशत खपत होता है और दिसम्बर 2017 तक इसमें 29.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सालाना 30 मिलियन मेगावाट-घंटा से ज्यादा बिजली खपत करते हुए, यह सबसे तेजी से ऊर्जा खपत करता है। पिछले वर्ष इसका कार्बन फुटप्रिंट 19,504 किलो टन था। नेचुरल न्यूज के अनुसार, यह दो साल में दुनिया के कार्बन फुटप्रिंट को दोगुना कर देगा। भविष्यवाणी की गई है कि 2020 तक सभी देशों के मुकाबले ये अकेले सबसे ज्यादा ऊर्जा की खपत करेगा।

सितम्बर 2017 में आईईईई स्पेस्ट्रम में प्रकाशित एक अन्य रिपोर्ट में इंटेल के ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के प्रमुख माइकल रीड कहते हैं, “जो लोग इस पर बहस कर रहे हैं, उनकी मूल चिन्ता ये है कि इस सब का अन्त कहाँ है?” बिटक्वाइन अस्थिर है, क्योंकि यह बहुत अधिक ऊर्जा की खपत करता है और अधिक टिकाऊ विकल्प बनाने के लिये शोध में अरबों डॉलर झोंके जा रहे हैं। लेकिन जब तक विकल्प मिले, तब तक क्रिप्टो करेंसीज विश्व स्तर पर ऊर्जा कीमतों में बढ़ोत्तरी कर सकती है। क्रूड ऑयल की कीमत, जो दुनिया की ऊर्जा जरूरत के एक बड़े हिस्से को पूरा करती है, अभी 68 डॉलर प्रति बैरल है और 2018 की दूसरी तिमाही से 80 डॉलर पहुँच सकती है। ये पाँच साल की सबसे अधिक कीमत होगी।

कमोडिटी बाजारों के लिये जोखिम


क्रिप्टोकरेंसीज न सिर्फ अधिक ऊर्जा की खपत करती है और निवेश को नियंत्रित करती है, बल्कि इसने हाल ही में दुनिया की कमोडिटी मार्केट में प्रवेश भी किया है जहाँ वे कहर बरपा सकते हैं। अमेरिका और कनाडा में क्रिप्टो करेंसीज को कमोडिटी का दर्जा दिया गया है। वे व्यापक रूप से डेरिवेटिव मार्केट में उपयोग किये जाते हैं (डेरिवेटिव एक व्यापार योग्य सिक्योरिटीज है, जिसका मूल्य कुछ अन्तर्निहित परिसम्पत्ति की वास्तविक या अपेक्षित मूल्य से प्राप्त होता है। ये कमोडिटी, सिक्योरिटी या करेंसी हो सकता है)। इसका वस्तु विनिमय के लिये भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उनके व्यापार से होने वाला लाभ व्यापार आय और एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों के अधीन है।

बिटक्वाइंस की बाजार पूँजी में तेजी से वृद्धि के बाद, दुनिया का सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज सीएमई ग्रुप ने घोषणा की कि वह 2017 के क्रिसमस से पहले क्रिप्टो करेंसीज का वायदा कारोबार शुरू करेगा। 10 दिसम्बर को सीबीओई ग्लोबल मार्केट्स इंक के शुरुआत सत्र में, बिटक्वाइंस की कीमत में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि भारी यातायात के चलते ट्रेंडिंग में अस्थायी रुकावट आई थी। हालांकि, बाद में कीमतें गिर गईं। बिटक्वाइंस ने वैश्विक कमोडिटी बाजारों में तीव्र उतार-चढ़ाव लाया।

नाम न छापने का अनुरोध करते हुए एक बिटक्वाइन व्यापारी कहते हैं कि उन्होंने दिसम्बर 2016 में 3 लाख रुपए के पाँच बिटक्वाइंस खरीदे थे। एक साल बाद, शिकागो में सीएमई फ्यूचर्स एक्सचेंज में 60 लाख रुपए में इसे बेच दिया। डिजिटल करेंसीज में शामिल कागजी कार्रवाई अस्तित्वहीन है। इसलिये एक्सचेंज से ऐसी करेंसीज का कारोबार बिना किसी बाधा के किया जा सकता है। इस करेंसी में आप कृषि वस्तु, ऊर्जा, धातु, मुद्रा और क्रिप्टोकरेंसीज का व्यापार आसानी से कर सकते हैं। लेकिन मुख्य सवाल यह है कि क्या क्रिप्टो करेंसीज जैसा नया धन दुनिया के कमोडिटी बाजार को नए उतार-चढ़ाव के जाल में फँसा देगा। जल्द इसका जवाब मिल जाएगा।

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