बदलते भारत में गाँवों की तस्वीर अभी भी धुंधली

20 Nov 2017
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देश बदल रहा है। देश में हाई स्पीड बुलेट ट्रेन लाने की तैयारी हो रही है। मगर इस बदलाव से गाँव आज भी अछूते हैं। यदि सिर्फ शहरों का ही विकास करना है तो भारत की तस्वीर कैसे बदलेगी। कैसे हम अन्य देशों के मुकाबले नम्बर वन बनेंगे। यह तभी सम्भव हो पाएगा जब देश के नेता शहरों में बदलाव की लहर को गाँवों की ओर भी ले जाएँ। जिससे कि गाँवों में अव्यवस्था की उल्टी लकीर सीधी हो सके और गाँवों में रहने वाले ग्रामीणों को भी दिक्कतों का सामना न करना पड़े। यह सवाल शायद दक्षिणी दिल्ली के सांसद व तुगलकाबाद से विधायक सही राम को समझना होगा।

अन्यथा देश तो बदलते वक्त के साथ बदल जाएगा, लेकिन तुगलकाबाद गाँव बीते वर्षों की तरह और भी पीछे होता चला जाएगा। यह बातें स्थानीय निवासियों के लिहाज से कहना और भी जरूरी है, क्योंकि हमारा आशियाना यह गाँव है। हम तो इसकी कदर करना जानते हैं, लेकिन नेताजी के पास पर्याप्त समय नहीं है कि वह इस गाँव के बारे में सोच सके। चलिए आपको थोड़ा ब्रीफ से समझाते हैं। तुगलकाबाद गाँव दक्षिणी दिल्ली में स्थित है। यहाँ से भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी व विधायक सही राम हैं। गाँव की आबादी 50 हजार से ज्यादा है। गाँव में गुर्जर बाहुल्य इलाकों के अलावा एक दर्जन से ज्यादा जाति के लोग रहते हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि क्षेत्र के गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र में तो गंगा जल की आपूर्ति होती है, मगर अन्य इलाके इससे वंचित हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हमने कई बार इसकी शिकायत विधायक को की, लेकिन विधायक ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से भी पानी की समस्या को लेकर मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने मुलाकात के दौरान तो भरोसा दिलाया था कि पानी की व्यवस्था पहले की तरह हो जाएगी, लेकिन सीएम का भरोसा अभी तक फलीभूत नहीं हो पाया है।

लोगों का कहना है कि क्षेत्र के जाटव मोहल्ले में जलापूर्ति गम्भीर समस्या बनी हुई है। यहाँ एक महीने में सिर्फ पाँच बार ही पानी का टैंकर भेजा जाता है। एक हफ्ते में मात्र केवल एक बार ही टैंकर आता है। इससे सभी को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। किसी को भीड़ ज्यादा होने के कारण पानी नहीं मिल पाता है। गाँव में गंगा जल की सेवा है, लेकिन पहाड़ी इलाकों को छोड़ दिया जाए तो निचले इलाकों में पानी की पाइप लाइन ही नहीं बिछाई गई। कई बार शिकायत की गई, लेकिन हर बार आश्वासन देकर मुँह चुप करा दिया जाता है।

“दिल्ली सरकार गाँव-देहात व शहर में फ्री जल की सुविधा देने का वादा कर रही है। असल में मुख्यमंत्री द्वारा उठाया गया यह कदम सराहनीय है, लेकिन मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल को भी अपने विधायकों से रिपोर्ट लेना चाहिए कि कौन-से विधानसभा क्षेत्र में कितना पानी सप्लाई किया जा रहा है। यदि ऐसा हो तो गाँवों में पानी की सप्लाई की दिक्कतें नहीं होती।” -रामपाल, स्थानीय निवासी

“देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में स्वच्छता अभियान चला रहे हैं, लेकिन इस गाँव में न ही एमसीडी के कर्मचारी आते हैं और न ही यहाँ पर कूड़ादान रखने की व्यवस्था की गई है। बस जिसको जहाँ मन करता है वहाँ कूड़ा डाल देते हैं। गुर्जर बाहुल्य इलाका होने की वजह से डर के मारे कोई बोलता भी नहीं है। मन में एक डर सा रहता है कि कहीं कुछ बोला तो जो पानी मिल रहा है। कहीं वह पानी भी छीन न लिया जाए। इसका फायदा गुर्जर बाहुल्य इलाके के लोग करते हैं।” -रिंटु, स्थानीय निवासी

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