बस्तर जिले के जल का अन्य उपयोग (Other uses of water in Bastar District)


1. मत्स्य उत्पादन, स्थानिक वितरण, उत्पादन की मांग प्रकार एवं समस्याएँ
2. परिवहन तथा मनोरंजन


जल के अन्य उपयोग


मत्स्य उत्पादन हेतु जल उपयोग : मत्स्य पालन जल संसाधन विकास का महत्त्वपूर्ण पहलू है। बस्तर जिले में मत्स्योद्योग विकसित हो रहा है। जिले के अंतर्गत आने वाले सभी जल संसाधनों, जलाशयों, नदियों, तालाबों आदि में मत्स्य - पालन होता है। बस्तर जिले में उपलब्ध जल - क्षेत्र के 12,010.114 हेक्टेयर में मत्स्य पालन होता है। इसमें 1246.474 टन मछली का उत्पादन होता है।

जिले की मुख्य नदियों की कुल लंबाई 644 किमी है। इनमें इंद्रावती 376 किमी महानदी 64 किमी, शबरी 180 किमी, गोदावरी 24 किमी लंबी है। इन नदियों में मछलियाँ कम पाई जाती है। बस्तर जिले में व्यापारिक मछलियाँ (रोहू, कतला, मोंगरी) का मुख्य रूप से पालन एवं उत्पादन किया जाता है। जिले में मत्स्य उत्पादन की इकाइयों को (तालिका क्र. 7) में दर्शाया गया है।

तालिका क्र. 7.1 बस्तर जिला मत्स्य-पालनजिले में सिंचाई विभाग द्वारा 5737.325 हेक्टेयर क्षेत्र में मत्स्य पालन किया जाता है। उसके बाद निजी एवं मुंडा क्षेत्र के 1354.880 हेक्टेयर क्षेत्र में और ग्राम पंचायत के अंतर्गत 339.742 हेक्टेयर जल क्षेत्र में मत्स्य उत्पादन किया जाता है। बस्तर जिले में मत्स्य पालन मुख्यत: जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागाँव, कांकेर, नारायणपुर परियोजनाओं में होता है।

मत्स्योत्पादन : जिले में मत्स्यपालन की प्रक्रिया 1993 के बाद से शुरू हुई है। जिले में वर्ष 1993-94 तक की अवधि में 7431.953 हेक्टेयर जल क्षेत्र में 1246.474 टन मत्स्योत्पादन हुआ। जिले में मत्स्योत्पादन (तालिका क्र. 7.2) के अतिरिक्त मत्स्य बीज का भी उत्पादन होता है।

तालिका क्रमांक 7.2 बस्तर जिला मत्स्य उत्पादनमत्स्य उत्पादन में जगदलपुर के हितग्राही तालाबों का जिले में प्रथम स्थान है। यहाँ का उत्पादन 406.446 टन है। सबसे कम मत्स्योत्पादन विभागीय जलाशयों से 19.374 टन हुआ है। मत्स्य उत्पादन को बढ़ाने के लिये मत्स्य बीज उत्पादक क्षेत्र निर्माण किया गया है।

तालिका क्रमांक 7.3 बस्तर जिला मत्स्यबीज उत्पादक क्षेत्रबस्तर जिले में प्रतिवर्ष मत्स्य उत्पादन बढ़ता जा रहा है, लेकिन 93-94 में उत्पादन घट गया। मत्स्य उत्पादन हेतु स्थानीय तालाबों एवं जलाशयों का उपयोग किया जाता है। वर्ष 93-94 में अधिक वर्षा के कारण बीज पानी के साथ बहकर बाहर चले गये, जिससे बीज का उत्पादन घट गया।

मत्स्य उत्पादन एवं मत्स्य बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये बस्तर जिले में मत्स्य निगम एवं निजी क्षेत्रों को राजीव गांधी मत्स्य विकास मिशन के अंतर्गत रखा है। इसका शुभारंभ 20 अगस्त, 1994 में किया गया है। विकास का विस्तृत विवरण अध्याय 10 में दिया गया है।

(2) जल परिवहन तथा मनोरंजन : जल परिवहन सड़क एवं रेल परिवहन से सस्ता है। बस्तर जिले में नदियों की कुल लंबाई 644 किमी है। ये नदियाँ सतत वाहिनी नहीं है। उबड़ - खाबड़ धरातल, सकरी घटियाँ बस्तर जिले में जल-परिवहन के विकास में मुख्य बाधक है। ग्रीष्म काल में नदियों का जल सूख जाता है या कम हो जाता है। अत: नदियों में जल परिवहन नहीं हो पाता। वर्षा के दिनों में पानी अधिक होने के कारण केवल आर-पार आने जाने के लिये नौका का प्रयोग किया जाता है।

जल संसाधन का मनोरंजन की दृष्टि से उपयोग वर्तमान में महत्त्वपूर्ण होता जा रहा है। जिले में इंद्रावती नदी पर जलप्रपात है, जो चित्रकूट के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ सिर्फ वर्षाऋतु में पानी अधिक होने से नौका विहार होता है।

बस्तर जिले में जल परिवहन एवं जल मनोरंजन की दृष्टि से संभावना नगण्य है।

 

बस्तर जिले में जल संसाधन मूल्यांकन एवं विकास एक भौगोलिक विश्लेषण, शोध-प्रबंध 1997


(इस पुस्तक के अन्य अध्यायों को पढ़ने के लिये कृपया आलेख के लिंक पर क्लिक करें।)

1

प्रस्तावना : बस्तर जिले में जल संसाधन मूल्यांकन एवं विकास एक भौगोलिक विश्लेषण (An Assessment and Development of Water Resources in Bastar District - A Geographical Analysis)

2

बस्तर जिले की भौगोलिक पृष्ठभूमि (Geography of Bastar district)

3

बस्तर जिले की जल संसाधन का मूल्यांकन (Water resources evaluation of Bastar)

4

बस्तर जिले का धरातलीय जल (Ground Water of Bastar District)

5

बस्तर जिले का अंतर्भौम जल (Subsurface Water of Bastar District)

6

बस्तर जिले का जल संसाधन उपयोग (Water Resources Utilization of Bastar District)

7

बस्तर जिले के जल का घरेलू और औद्योगिक उपयोग (Domestic and Industrial uses of water in Bastar district)

8

बस्तर जिले के जल का अन्य उपयोग (Other uses of water in Bastar District)

9

बस्तर जिले के जल संसाधन समस्याएँ एवं समाधान (Water Resources Problems & Solutions of Bastar District)

10

बस्तर जिले के औद्योगिक और घरेलू जल का पुन: चक्रण (Recycling of industrial and domestic water in Bastar district)

11

बस्तर जिले के जल संसाधन विकास एवं नियोजन (Water Resources Development & Planning of Bastar District)

 

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