भौतिक तथा सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
भौतिक पृष्ठभूमि
स्थिति एवं विस्तार :
ऊपरी महानदी बेसिन मध्य प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग में स्थित है। इसका अंक्षाशीय विस्तार 19047’ उत्तरी अक्षांश से 23007’ उत्तरी अक्षांश और देशांतरीय विस्तार 80017’ पूर्वी देशांतर से 83052’ पूर्वी देशांतर तक 73,951 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है। प्रशासनिक दृष्टि से इसके अंतर्गत बिलासपुर संभाग के बिलासपुर एवं रायगढ़ जिले (जशपुर तहसील को छोड़कर), रायपुर संभाग के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव एवं बस्तर जिले के कांकेर तहसील का क्षेत्र आता है। इसकी जनसंख्या 1,33,26,396 (1991) व्यक्ति हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :
ऐतिहासिक काल में ऊपरी महानदी बेसिन दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता था। रायगढ़ जिले के सिंघनपुर की गुफाओं तथा काबरा पहाड़ी में 50 हजार वर्ष तक के पुराने शिलाचित्र हुये हैं, (गुप्त 1973, 78) जिससे पता चलता है कि यह बेसिन 50 हजार वर्ष पूर्व से ही आबाद था। सन 1741 में इस बेसिन पर भोसला मराठों का अधिकार हुआ, परंतु अव्यवस्था के कारण यहाँ 1818 में अंग्रेजों का आधिपत्य हो गया। सन 1830 में मराठों ने इस क्षेत्र पर पुन: अधिकार कर लिया। सन 1947 में इस क्षेत्र का विलय स्वतंत्र भारत में हो गया और यह मध्य प्रांत एवं बरार राज्य का हिस्सा बना। अंतत: सन 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के फलस्वरूप मध्यप्रदेश राज्य का हिस्सा बन गया।
भू-वैज्ञानिक संरचना :
सारिणी क्रमांक -1.1 (अ)ऊपरी महानदी बेसिन - प्रशासनिक विवरण, 1991 | |||||
क्र. | जिला | तहसील | विकासखण्ड | कुल क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) | जनसंख्या |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 |
1 | 1 बिलासपुर 37,93,866 | 1 बिलासपुर
2. बिल्हा 3. तखतपुर 4. मुंगेली 5. लोरमी 6. पंडरिया
7. जांजगीर
8. चापा
9. पामगढ़ 10. सक्ति
11. डभरा 12. कोटा 13. पेण्ड्रारोड
14. कटघोरा
15. कोरबा | 1 बिलासपुर 2 मस्तुरी 3 मारवाही 1. बिल्हा 1. तखतपुर 1. मुंगेली 1. लोरमी 1. पंडरिया 2. पथरिया 1. जांजगीर 2. अकलतरा 1. चांपा 2. बलौदा 1. पामगढ़ 1. सक्ति 2. मालखरौदा 3. जैजैपुर 1. डभरा 1. कोटा 1. पेण्ड्रारोड 2. गौरेला 1. कटघोरा 2. पौडीउपरोरा 1. कोरबा 2. करतला 3. पाली | 736.88 737.76 786.47 ---- 707.97 594.49 500.92 882.14 514.66 577.01 377.28 326.66 347.25 428.42 311.29 340.66 339.26 418.64 751.28 326.30 496.56 438.45 1,266.50 840.66 651.87 991.89 | 2,63,196 1,95,287 96,810 --- 1,71,963 1,36,867 1,52,626 1,52,223 1,10,599 1,67,220 1,03,344 88,719 1,01,463 1,04,608 96,069 1,00,626 1,11,152 1,17,476 1,24,910 53,201 71,983 1,66,960 1,35,901 1,19,916 1,08,966 1,32,347 |
योग | 15 तहसील | 26 वि. ख. | 14,751.07 | 31,34,695 | |
2. | रायगढ़ (जशपुर तहसील को छोड़कर) 16,06,355 | 1 रायगढ़
2. खरसिया 3. सारंगढ़
4. घरघोड़ा
5. धर्मजयगढ़ 6. बगीचा 7. कुनकुरी | 1. रायगढ़ 2. पुसौर 1. खरसिया 1. सारंगढ़ 2. बरमकेला 1. घरघोड़ा 2. तमनार 3. लैलूंगा 1. धर्मजयगढ़ 1. बगीचा 1. कुनकुरी | 487.20 400.77 398.02 530.23 463.84 456.26 433.04 507.85 1188.95 1406.13 451.55 | 1,01,889 1,04,412 93,048 1,54,934 1,15,643 55,015 68,991 96,790 1,41,052 1,29,311 71,592 |
क्र. | जिला | तहसील | विकासखण्ड | कुल क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) | जनसंख्या |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 |
2. | 2. रायगढ़ | 7. कुनकुरी
8. पत्थलगांव | 2. फरसाबहार 3. दुलदुला 4. कांसाबेल 1. पत्थलगांव | 619.98 421.14 440.91 723.05 | 89,069 40,064 61,796 1,35,244 |
| योग - | 8 तहसील | 15 वि. खंड | 90,22.92 | 26,69,805 |
3. | 3. राजनांदगांव 14,39,951 | 1. राजनांदगांव 2. कवर्धा
3. मोहला 4. छुईखदान 5. खैरागढ़ 6. डोंगरगढ़ 7. डोंगरगांव
8. अंबागढ़ | 1. राजनांदगांव 1. कवर्धा 2. बोड़ला 3. सहसपुर 1. मोहला 1. छुईखदान 1. खैरागढ़ 1. डोंगरगढ़ 1. डोंगरगांव 2. छुरिया 1. अंबागढ़ 2. मानपुर | 577.07 518.69 781.01 614.69 698.40 925.61 800.01 751.08 471.83 800.19 536.90 898.94 | 1,11,045 1,12,922 1,14,795 97,571 65,801 1,06,682 1,17,876 1,17,877 1,00,058 1,26,103 78,898 63,939 |
| योग | 8 तहसील | 12 वि. खण्ड | 8154.00 | 12,10,567 |
4. | 4. दुर्ग 23,97,134 | 1. दुर्ग 2. धमधा 3. गुण्डरदेही 4. पाटन 5. बालोद 6. गुरुर 7. साजा 8. बेमेतरा 9. बेरला 10. नवागढ़ 11. डौ. लोहारा | 1. दुर्ग 1. धमधा 1. गुण्डरदेही 1. पाटन 1. बालोद 1. गुरुर 1. साजा 1. बेमेतरा 1. बेरला 1. नवागढ़ 1. डौ. लोहारा 2. डौण्डी | 499.75 826.31 677.69 732.66 302.89 402.47 719.72 701.79 777.14 629.69 981.27 498.81 | 6,54,813 1,60,085 1,51,554 2,24,151 76,014 1,06,814 1,28,564 1,21,621 1,23,939 1,30,492 1,42,438 1,46,714 |
| योग | 11 तहसील | 12 वि. खण्ड | 7650.21 | 15,49,007 |
5. | 5. रायपुर 39,08,042 | 1. रायपुर
2. अभनपुर 3. तिल्दा 4. बलौदा बाजार 5. कसडोल | 1. धरसींवा (राय) 2. आरंग 1. अभनपुर 1. तिल्दा 1. बलौदा बाजार 2. पलारी 1. कसडोल | 606.42 879.62 589.81 718.88 623.81 544.42 678.12 | 1,32,962 1,89,512 1,35,815 1,42,484 1,49,991 1,33,026 1,38,615 |
क्र. | जिला | तहसील | विकासखण्ड | कुल क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) | जनसंख्या |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 |
5 | 5. रायपुर | 6. सिमगा 7. भाटापारा 8. बिलाईगढ़ 9. धमतरी
10. नगरी 11. कुरुद 12. महासमुंद 13. पिथौरा 14. बागबाहरा 15. सरायपाली
16. गरियाबंद (बिंद्रानवागढ़)
17. देवभोग 18. राजिम | 1. सिमगा 1. भाटापारा 1. बिलाईगढ़ 1. धमतरी 2. मगरलोड 1. नगरी 1. कुरुद 1. महासमुंद 1. पिथौरा 1. बागबाहरा 1. सरायपाली 2. बसना 1. गरियाबंद 2. छुरा 3. मैनपुर 1. देवभोग 1. राजिम | 584.11 455.98 679.43 573.64 401.91 489.27 563.91 782.89 856.90 896.03 725.03 570.39 694.65 718.63 634.21 297.84 474.16 | 11,5,792 94,263 1,49,469 1,36,206 84,578 1,14,787 1,39,104 1,45,896 1,57,205 1,38,155 1,35,151 1,35,166 62,165 83,215 88,339 69,264 115,656 |
| योग | 18 तहसील | 24 वि. खण्ड | 14,998.36 | 39,08,042 |
6 | 6. बस्तर | 1. कांकेर 1,81,303 | 1. कांकेर 2. नरहरपुर | 523.23 719.07 | 71,075 89,571 |
| योग | 1. तहसील | 2. वि. खण्ड | 1,242.03 | 1,60,646 |
| ऊपरी महानदी बेसिन (73.915) | 61 तहसील | 90 वि. खण्ड | 55,818.86 | 1,33,26,396 |
स्रोत – जनगणना निदेशालय, म. प्र., भोपाल |
सारिणी क्रमांक – 1.1 (ब) ऊपरी महानदी बेसिन – प्रशासकीय विवरण, 1991 | ||||||||||
क्र. | जिला | कुल क्षेत्रफल (वर्ग किमी) | जनसंख्या (1991) | जनसंख्या वृद्धि दर (1981-91) | जनसंख्या घनत्व (व्व्यक्ति प्रति वर्ग किमी) | गाँवों की संख्या | पंचायतों की संख्या | विकासखंड की संख्या | तहसील की संख्या | नगरों की संख्या |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 |
1. 2.
3. 4. 5. 6. | बिलासपुर रायगढ़ (जशपुर तह. को छोड़) राजनांदगांव दुर्ग रायपुर बस्तर (कांकेर तह.) | 19,897.00 11,879.00 11,127.00 8,537.00 21,258.00 1,253.00 | 37,93,566 16,06,355 14,39,915 23,97,134 39,08,042 1,81,348 | 28.45 19.34 23.34 26.80 26.90 23.25 | 191 135 129 281 184 145 | 3,588 2,593 2,406 1,851 4,065 220 | 1,436 742 606 879 1,488 61 | 25 15 12 12 24 2 | 15 8 8 11 18 1 | 26 6 8 2 15 1 |
| योग बेसिन | 73,951,00 | 1,33,26,396 | 24.84 | 180 | 14,723 | 5,239 | 90 | 61 | 68 |
| मध्य प्रदेश | 4,43,446.00 | 6,61,81,170 | 26.84 | 149 | 76,220 | 30,922 | 459 | 322 | 465 |
स्रोत – जनगणना निदेशालय, म. प्र., भोपाल |
(3) गाढ़वाना शैल समूह बेसिन के उत्तरी उच्च भूमि में हसदो, माद तथा केलो नदी घाटियों में विस्तृत है। इसमें बलुआ, पत्थर तथा शैल चट्टानें पाई जाती हैं। शैल सस्तरों के बीच-बीच में कोयले की परतें पाई जाती है।
(4) दफ्फन दरारी ज्वालामुखी उद्वेनों से नि:सृत बेसाल्ट चट्टानें प्रदेश के उत्तर पश्चिम सीमा पर मैकल श्रेणी लोरमी पठार में पाये जाते हैं।
अन्य शैल समूह में रायोलाइट-फेल्साइट (विंध्य समूह) का दृश्यांश प्रदेश की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर क्रिटेशियस कल्पीय चुना पत्थर का दृश्यांश बिलासपुर जिले में गौरेला के पश्चिम में और प्लास्टोसीन युगीन प्राचीन जलोढ़ लैटराइट उत्तर-पूर्व में उदयपुर की पहाड़ियों के एक छोटे से क्षेत्र में पाया जाता है।
उच्चावच :
1. उत्तरी उच्चभूमि -
उत्तरी उच्चभूमि का विस्तार रायगढ़ और बिलासपुर जिले के उत्तरी भाग में पठारी एवं पहाड़ी उच्चभूमि द्वारा निर्धारित है। हसदो, अरपा और मांद नदियाँ उच्च भागों को विभाजित कर लोरमी पठार, पेण्ड्रा पठार, छुरी और रायगढ़ पहाड़ी क्षेत्र का निर्माण करती है। इन उच्च प्रदेशों की ऊँचाई 700-1000 मी. तक है।
2. मैकल श्रेणी -
मैकल श्रेणी सतपुड़ा पर्वत का पूर्वी कगार है। इसकी ऊँचाई 1000 मीटर है। यह नर्मदा अपवाह प्रणालियों के मध्य जल विभाजक बनाती है। इसमें कई ऊँचे कगार है, जिन्हें घाट कहा जाता है जैसे - केपमर्घ घाट, बज्रपानी घाट और चिल्पी घाट। यह श्रेणी बिलासपुर और राजनांदगांव जिले की सीमा पर एक दीवाल की तरह है।
3. दक्षिणी उच्चभूमि -
दक्षिणी उच्चभूमि का विस्तार राजनांदगांव, दुर्ग और रायपुर जिले के दक्षिणी भाग में है। इसकी ऊँचाई 300 से 950 मीटर तक है। इसमें सबसे ऊँचा भाग राजहरा पहाड़ (950 मीटर) है। दक्षिणी पूर्वी भाग में सोनबेरा पठार (943 मीटर), सिहावा कांकेर पहाड़ी (586 मीटर) और बसना पहाड़ी (300 मीटर) है। यहाँ स्थलाकृति विषमताएँ बहुत है। दक्षिण में सिहावा की पहाड़ी महानदी का उद्गम है।
अपवाह :
जलवायु :
तापमान :
वर्षा :
मिट्टी :
1. कन्हार या काली मिट्टी :
यह गहरी काली चूना पोटाश, जीवांश एवं लौहयुक्त मिट्टी है। इसका पी-एच मान 7.5 से 7.7 के बीच होता है। यह मिट्टी क्षारीय होती है। यह मिट्टी महानदी, शिवनाथ, खारून, तेल एवं जोंक नदी के किनारे पाई जाती है। इसका विस्तार मुंगेली, राजनांदगांव, बालौद, धमतरी, रायपुर, बिलासपुर के हृदय क्षेत्र तथा महासमुंद तहसीलों में अधिक है। इसमें धान, गेहूँ, कोदा, अरहर, तिवरा, अलसी आदि फसलें पैदा की जाती है। इसमें जलधारण की क्षमता अधिक होती है।
सारिणी क्रमांक – 1.2ऊपरी महानदी बेसिन – तापमान,1995 | |||||||||||||||
(डिग्री सेल्सियस) | |||||||||||||||
क्र. | स्थान | विवरण | जनवरी | फरवरी | मार्च | अप्रैल | मई | जून | जूलाई | अगस्त | सितंबर | अक्टूबर | नवंबर | दिसंबर | औसत |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 |
1. | रायपुर | अधिकतम न्यूनतम औसत | 27.7 13.5 20.6 | 30.13 16.2 23.3 | 34.7 20.4 24.6 | 39.2 25.1 32.2 | 42.3 28.8 35.6 | 37.5 26.8 32.2 | 30.3 24.1 27.2 | 30.1 21.1 27.1 | 30.0 24.1 27.6 | 31.2 21.5 26.3 | 29.1 16.0 22.6 | 27.3 13.0 20.3 | 32.5 21.1 26.9 |
2. | कांकेर | अधिकतम न्यूनतम औसत | 27.9 12.1 20.0 | 30.2 14.6 22.4 | 34.4 18.8 26.6 | 37.8 23.8 30.7 | 40.3 27.1 33.7 | 35.4 26.0 30.7 | 29.1 23.6 26.3 | 29.9 23.5 26.6 | 29.9 23.1 26.5 | 30.2 20.1 25.1 | 28.3 14.2 21.2 | 27.1 11.2 19.1 | 31.6 19.8 25.7 |
3. | चांपा | अधिकतम न्यूनतम औसत | 21.5 13.8 17.6 | 31.1 16.2 23.6 | 35.3 20.0 27.6 | 39.9 24.9 32.2 | 43.0 28.9 35.9 | 38.9 27.8 33.3 | 31.4 24.9 28.1 | 30.8 24.9 27.8 | 31.5 24.7 28.1 | 31.4 22.0 26.7 | 29.3 16.1 22.7 | 27.8 13.7 20.7 | 32.6 21.4 27.4 |
4. | रायगढ़ | अधिकतम न्यूनतम औसत | 28.4 13.6 21.0 | 31.9 15.9 23.9 | 35.7 20.2 27.9 | 40.3 25.9 32.8 | 42.8 28.9 35.8 | 38.6 27.7 33.1 | 31.5 25.0 28.2 | 31.0 24.9 27.9 | 31.8 24.7 28.2 | 31.9 22.3 27.1 | 29.8 16.4 23.1 | 28.0 13.4 20.9 | 33.5 21.5 27.0 |
5. | पेण्ड्रा | अधिकतम न्यूनतम औसत | 24.0 10.9 17.5 | 26.5 12.5 19.5 | 31.5 17.6 24.6 | 26.0 22.3 29.2 | 39.3 36.1 32.7 | 33.6 25.0 29.3 | 28.7 22.8 25.8 | 28.3 22.5 25.4 | 28.9 22.0 25.5 | 28.4 18.4 23.5 | 26.3 13.4 19.9 | 28.2 10.1 17.2 | 28.8 18.6 24.2 |
6. | दुर्ग | अधिकतम न्यूनतम औसत | 27.8 09.9 18.8 | 32.5 10.5 21.5 | 34.5 16.6 25.5 | 40.5 23.4 31.9 | 46.2 27.3 36.7 | 36.2 25.5 30.8 | 30.4 23.4 26.9 | 29.9 23.3 26.6 | 32.0 21.5 25.8 | 32.2 21.5 23.8 | 29.3 15.3 22.3 | 27.0 12.9 19.9 | 34.4 19.4 26.2 |
7. | राजनांदगांव | अधिकतम न्यूनतम औसत | 27.6 09.7 18.7 | 31.1 07.2 19.1 | 36.1 12.6 24.3 | 39.9 17.4 28.6 | 42.1 21.6 31.8 | 41.1 21.1 31.1 | 32.5 20.9 26.7 | 31.2 20.3 25.8 | 30.8 14.6 22.7 | 30.8 14.6 22.7 | 29.0 09.4 19.2 | 27.3 07.3 17.3 | 33.3 15.2 24.2 |
स्रोत – संबंधित तापमापी केन्द्र |
सारिणी क्रमांक – 1.4ऊपरी महानदी बेसिन – मिटि्टयों का रासायनिक संघटन | ||||||||
मिट्टी | गहराई (से. मी.) | रासायनिक संघटन (%) | जल धारण क्षमता % | पी. एच. मान | कार्बन की मात्रा % | उत्पादकता (मि. मी. / से. मी.) | ||
रेत % | सिल्ट % | क्ले % | ||||||
1. कन्हार मिट्टी | 0-25 25-50 50-75 75-100 | 15.60 10.05 11.30 9.45 | 31.40 31.32 42.12 43.20 | 49.10 19.18 39.62 39.62 | 38.72 39.61 39.62 39.62 | 06.4 06.6 06.3 06.4 | 0.52 0.26 0.22 0.92 | 0.18 0.18 0.18 0.18 |
2. मटासी मिट्टी | 2-23 23-41 41-78 78-107 107-32 | 75.00 68.95 50.10 53.95 63.80 | 6.64 6.60 15.60 17.68 3.32 | 14.78 22.90 32.06 25.98 29.90 | 19.17 25.64 23.34 33.60 30.19 | 5.8 5.8 6.1 6.3 6.4 | 0.61 0.91 1.09 0.90 0.88 | 0.18 0.18 0.18 0.18 0.18 |
3 भांठा मिट्टी | 0-10 10-22 22-27 | 56.50 60.20 60.00 | 23.20 13.16 15.08 | 17.74 19.90 19.42 | 24.64 24.00 22.47 | 5.9 6.0 5.9 | 0.28 0.19 0.30 | 0.23 0.23 0.23 |
स्रोत – इंदिरा गांधी कृषि वि. विद्धालय,गया |
2. मटासी मिट्टी :
यह मिट्टी शिस्ट तथा नीस के विघटन से निर्मित है। इसका रंग हल्का पीला एवं भूरा होता है। इसकी जल धारण क्षमता अपेक्षाकृत कम होती है। इसका पीएच मान 6.65 है। यह मिट्टी अम्लीय होती है। इसका विस्तार रायपुर एवं दुर्ग जिले के उच्च भागों में है। इसमें धान, कोदो, कुटकी, अरहर, कुल्थी एवं तिल का उत्पादन किया जाता है।
3. डोरसा मिट्टी :
इसमें कन्हार एवं मटासी मिट्टियों के गुण पाये जाते हैं। इसकी जलधारण क्षमता 12 सेंटीमीटर तथा पी-एच मान 7.3 से 7.6 है। यह क्षारीय प्रकार की मिट्टी है। इसका विस्तार बेसिन के उत्तरी-दक्षिणी भाग में है। इसमें धान, अलसी, तिवरा, गेंहू का उत्पादन होता है।
4. भाठा मिट्टी :
चीका एवं रेतयुक्त कछारी मिट्टी का जमाव नदी नालों के किनारे मिलता है। इसमें रासायनिक तत्वों की प्रधानता होने के कारण उत्पादन अच्छा होता है। बेसिन में इसका विस्तार महानदी, शिवनाथ और उसकी सहायक नदियों के घाटी क्षेत्रों और अत्यधिक उपजाऊ होने के कारण इनका उपयोग सघन कृषि में किया जाता है। इसमें धान, गेहूँ, मौसमी फल एवं सब्जियों की खेती की जाती है। इसे जलोढ़ मिट्टी भी कहते है।
वनस्पति :
खनिज :
सांस्कृतिक पृष्ठभूमि - जनसंख्या एवं मानव अधिवास :
जनसंख्या :
सारिणी क्रमांक – 1.5 ऊपरी महानदी बेसिन – वनों का क्षेत्रीय वितरण, 1993 – 94 (क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर में) | |||||||||
|
| आरक्षित वन (वर्ग किमी) | संरक्षित वन वर्ग किमी | अवर्गीकृत वन (वर्ग किमी) | कुल वन (वर्ग किमी) | ||||
क्र. | वनवृत | क्षेत्र | प्रतिशत | क्षेत्र | प्रतिशत | क्षेत्र | प्रतिशत | क्षेत्र | प्रतिशत |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 |
1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. | रायपुर दुर्ग बिलासपुर राजनांदगांव कांकेर रायगढ़ बस्तर | 4,441.20 1,932.73 4,267.14 2,007.50 3,780.90 3,997.80 5,890.314 | 22.66 9.43 20.82 09.80 18.74 19.55 38.87 | 2,912.95 2,762.00 8,918.84 2,253.82 4,215.07 8,093.87 2,393.199 | 10.00 09.47 30.55 07.80 15.00 27.18 55.36 | 196.19 - 897.72 - 1,943.29 - 2,138.50 | 6.48 - 29.58 - 63.94 - 5.77 | 7,550.88 4,694.73 14,083.70 4,331.94 9,975.94 12,091.67 10,421.99 | 14.32 08.90 26.71 08.21 18.91 22.95 - |
| योग - | 20,497.11 | 100.00 | 29,192.55 | 100.00 | 3,037.92 | 100.00 | 52,727.58 | 100.00 |
स्रोत – संभागीय सांख्यिकीय कार्यालय रायपुर (म. प्र.) |
सारिणी क्रमांक – 1.5 (अ) प्रमुख खनिजों का तुलनात्मक उत्पादन, 1991 (टन में) | ||||
क्र. | खनिज | छत्तीसगढ़ | मध्य प्रदेश | अनुपात |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 |
1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. | कोयला लौह अयस्क डोलोमाइट बाक्साइट चूना पत्थर क्वार्टजाइट केओलिन टिन अयस्क (कि. ग्रा.) | 3,06,68,820 13,74,40,420 5,45,487 2,08,890 7,55,50,691 41,186 6,809 1,09,238 | 6,55,16,000 1,37,97,000 5,46,233 5,40,609 9,22,94,000 41,186 23,794 1,09,238 | 46.11 99.59 99.86 38.64 39.13 100.00 28.62 100.00 |
स्रोत – भौमिकी एवं खनिज संचालनालय, रायपुर (म. प्र.) |
सारिणी क्रमांक – 1.5 (ब) ऊपरी महानदी बेसिन – महत्त्वपूर्ण खनिज भण्डार, 1991 | ||||
क्र. | जिला | खनिज | सुरक्षित भण्डार (करोड़ टन में) | उत्पादन (टन में) |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 |
1.
2.
3.
4.
5.
6. | रायपुर
दुर्ग
राजनांदगांव
बिलासपुर
रायगढ़
बस्तर | 1. चूना पत्थर 2. डोलोमाइट 1. लौह अयस्क 2. चूना पत्थर 3. क्वर्टाजाइट 4. डोलोमाइट 5. केओलिन 1. अग्नि सहमिट्टी (फायर फ्ले) 2. लौह अयस्क 3. चूना पत्थर 4. केओलिन 1. बॉक्साइट 2. कोयला 3. डोलोमाइट 4. फायर फ्ले 5. चूना पत्थर 1. बॉक्साइट 2. मिट्टी 1. लौह अयस्क 2. चूना पत्थर 3. डोलोमाइट 4. बॉक्साइट 5. कोरंडम 6. टिनअयस्क 7. लेपिडोलाइट 8. मिट्टी 9. क्वार्टज | 642.00 13.20 16,400.00 300.00 2.00 - - 12.50
5.00 5.00 - 3.79 358.73 522.00 0.37 2,212.43 50.00 9.20 4,064.00 850.00 45.115 9.00 25.00 1,212.73 3,455.00 2.5 4.5 | 29,22,500 - 6 4,84,420 22,45,320 2,66,058 130 709 -
- - 6,100 1,52,506 - 5,45,357 - 23,19,46 0 - - 72,56 000 38,164 - 18,110 - 1,09,238 |
स्रोत – भौमिकी एवं खनिज संचालनालय, रायपुर (म. प्र.) |
जनसंख्या वितरण एवं घनत्व :
ग्रामीण एवं नगरीय जनसंख्या :
जनसंख्या वृद्धि :
लिंगानुपात :
साक्षरता :
सामाजिक वर्ग :
कार्यशील जनसंख्या एवं अकार्यशील जनसंख्या :
अर्थव्यवस्था - भूमि उपयोग :
सारिणी क्रमांक - 1.7 ऊपरी महानदी बेसिन - भूमि उपयोग, 1995 (क्षेत्रफल हेक्टेयर में) | |||
क्र. | भूमि विवरण | क्षेत्रफल | प्रतिशत |
1 | 2 | 3 | 4 |
1. 2. 3. 4. 5. | ग्रामीण वन कृषि के लिये अप्राप्त भूमि पड़ती के अतिरिक्त अन्य कृषि भूमि पड़ती भूमि निराफसली क्षेत्रफल | 7,36,824 7,62,970 5,46,834 2,63,043 34,83,116 | 12.71 13.18 9.44 4.55 60.12 |
| योग | 57,92,787 | 100.00 |
6. 7. | दुफसली क्षेत्रफल कुल फसली क्षेत्रफल | 7,98,492 42,81,608 | 13.78 73.91 |
स्रोत - संभागीय सांख्यिकी कार्यालय, रायपुर (म. प्र.) |
सारिणी क्रमांक - 1.8 ऊपरी महानदी बेसिन - फसल प्रतिरूप 1995 (क्षेत्रफल हेक्टेयर में) | |||
क्र. | फसल का विवरण | क्षेत्रफल | प्रतिशत |
1 | 2 | 3 | 4 |
1. 2. 3. | चावल गेहूँ अन्य अनाज | 26,24,432 82,688 2,42,560 | 88.97 2.80 8.23 |
| योग - संपूर्ण अनाज | 29,49,680 | 100.00 |
4. 5. 6. 7. | कुल दलहन फसलें कुल तिलहन फसलें व्यापारिक फसलें शाक सब्जियाँ | 9,77,957 2,40,275 19,563 65,026 | 16.53 41.47 0.33 1.12 |
1. 2. | खरीफ फसलें रबी फसलें | 30,84,155 11,29,823 | 73.18 26.18 |
| योग - (खरीफ+रबी फसलें) | 42,13,978 | 100.00 |
स्रोत - संभागीय सांख्यिकी कार्यालय, रायपुर (म. प्र.) |
सिंचाई के साधन :
उद्योग :
मानव अधिवास :
ग्रामीण अधिवास :
ऊपरी महानदी बेसिन में ग्रामीण अधिवास प्रतिरूप में धरातलीय, स्थलाकृति, मैदानी तथा पठारी क्षेत्रों के बीच काफी अंतर पाया जाता है। मैदानी क्षेत्रों में प्रति 100 वर्ग किमी में 25 अधिवास है जबकि सीमांत उच्चभूमि में 15 अधिवास है। उच्चभूमि में मात्र औसत 06 अधिवास है। बेसिन के केंद्रीय भाग में अधिवासी का आकार 800 से अधिक तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में 800 से कम है। रायपुर, जांजगी तथा दुर्ग जिलों में अधिवासों का आकार बड़ा एवं बिलासपुर, सक्ति, बेमेतरा, उदयपुर तथा बलौदाबाजार तहसीलों में मध्यम और शेष तहसीलों में कम है।
बेसिन में जन शून्य क्षेत्र उच्च पहाड़ियों एवं वनों के क्षेत्र (मैकल के उच्च भाग, उदयपुर तहसील, रायगढ़ पठार आदि में धरातलीय विभिन्नता के कारण कम जनसंख्या पाई जाती है। यहाँ गृहों के समूहन के आधार पर सघन, अर्धसघन एवं विकीर्ण ग्रामीण अधिवास देखने को मिलते हैं।
नगरीय अधिवास :
ऊपरी महानदी बेसिन में 16.82 प्रतिशत व्यक्ति नगरों के निवासी है। यहाँ कुल 68 नगर हैं। अधिकांश नगरों की उत्पत्ति नवीन है। स्वतंत्रता के बाद भिलाई नगर, कोरबा, दल्लीराजहरा जैसे औद्योगिक एवं खनिज नगरों का अभ्युदय हुआ है। यहाँ बड़े ग्रामीण बाजारों ने नगर का रूप ले लिया है तथा पुराने नगर बड़े आकार में हो गये हैं। यहाँ नगरीय अधिवास की वृद्धि दर ग्रामीण अधिवास के अधिक है।
बेसिन में अत्यधिक जनसंख्या वृद्धि (100 प्रतिशत) महासमुंद, कटघोरा, दुर्ग तहसील, मध्यम वृद्धि (50-100 प्रतिशत) सक्ति, कवर्धा, राजनांदगांव, बेमेतरा, बालोद एवं रायपुर तहसील तथा न्यून वृद्धि (50 प्रतिशत) से कम मुंगेली, जांजगीर, रायगढ़ व सारंगढ़ तहसील में है। यहाँ 10,000 से 19,999 जनसंख्या वाले नगर 41.07 प्रतिशत है और 5,000 जनसंख्या वाले 3.58 प्रतिशत हैं।
नगरीय अधिवास में वृद्धि का प्रमुख कारण तीव्र औद्योगीकरण, प्रशासनिक, शैक्षणिक, रोजगार की सुविधा आदि है। ग्रामीण अधिवासों में कृषि की प्रधानता रहती है।
बेसिन में एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले 7 नगर हैं। दुर्ग-भिलाई, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, धमतरी, दल्लीराजहरा आदि विकसित औद्योगिक एवं खनिज नगर हैं।
परिवहन :
1. सड़क मार्ग :
बेसिन में कच्ची एवं पक्की दोनों तरह की सड़कें हैं। बेसिन की संपूर्ण पक्की सड़कों की लंबाई 15,491 किमी तथा कच्ची सड़कों की लंबाई 11,922 किमी है। बेसिन में प्रति सौ वर्ग किमी क्षेत्रफल पर पक्की सड़कों की लंबाई 20.35 किमी एवं कच्ची सड़कों की लंबाई 28.57 किमी है
बेसिन में राष्ट्रीय राज्य मार्ग 06 (मुंबई से कलकत्ता) और 43 (रायपुर से विशाखापट्टनम) मुख्य रूप से है। सड़क मार्ग में राष्ट्रीय मार्ग, राजमार्ग, जिला मार्ग एवं ग्रामीण मार्ग (पगडंडी) प्रमुख हैं।
बेसिन में म. प्र. राज्य सड़क परिवहन निगम की 493 बसें 1,28,061 किलोमीटर की दूरी प्रतिदिन तय करती है। अन्तरराज्यीय बस सेवाओं के अंतर्गत 38 बसें हैं जो उड़ीसा, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश तथा बिहार तक जाती है।
2. रेलमार्ग :
बेसिन का प्रमुख रेलमार्ग मुंबई हावड़ा रेलमार्ग है। यह सभी जिला मुख्यालयों से होकर जाता है। यह बड़ी रेल लाइन है, जिसका निर्माण 1890 ई. में हुआ था। इससे कई शाखा रेलमार्ग जुड़े हैं। बेसिन में रेलमार्ग की कुल लंबाई 5,739 किमी है। बेसिन के प्रमुख रेलमार्ग निम्नलिखित है :-
1. मुंबई-कलकत्ता रेलमार्ग व हावड़ा-अहमदाबाद (बड़ी लाइन)
2. रायपुर-धमतरी (संकरी लाइन)
3. रायपुर-राजिम (संकरी लाइन)
4. रायपुर-महासमुंद वाल्टेयर (बड़ी लाइन)
5. बिलासपुर-कटनी (बड़ी लाइन)
6. चांपा-कोरबा-गेवरा रोड (बड़ी लाइन)
7. रायगढ़-झारसुगड़ा
8. बिलासपुर-बीरसिंहपुर
9. चिरमिरी-विश्रामपुर
10. मरौदा-दल्लीराजहरा
11. दुर्ग-मरौदा
12. अभनपुर-राजिम
3. वायु मार्ग :
संचार :
व्यापार :
सारिणी क्रमांक - 1.9 ऊपरी महानदी बेसिन - परिवहन एवं संचार, 1991 (लंबाई किलोमीटर में) | ||||||||
क्र. | जिला | पक्की सड़कों की लंबाई | कच्ची सड़कों की लंबाई | प्रति सौ वर्ग किमी. पर पक्की सड़कों की लंबाई | प्रति सौ वर्ग किमी पर कच्ची सड़कों की लंबाई | आबाद गाँवों से प्रतिशत | प्रति डाकतार पर सेवित जनसंख्या | प्रति लाख जनसंख्या पर टेलीफोन कनेक्शनों की संख्या |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 |
1. 2.
3. 4. 5. 6. | बिलासपुर रायगढ़ (जशपुर तह. को छोड़) राजनांदगांव दुर्ग रायपुर बस्तर (कांकेर तह.) | 3,900.00 1,951.44
1,747.07 2,392.42 2,499.00 - | 1,118.00 2,707.00
1,118.00 1,962.07 2,660.00 - | 25.75 19.59
19.19 30.84 14.57 12.16 | 27.95 24.12
33.78 53.30 29.16 03.16 | 54.96 43.13
45.62 42.53 58.83 20.44 | 7,937 4,260
6,864 5,861 6,311 3,368 | 133 41
40 44 84 150 |
| औसत बेसिन | 15,490.23 | 11,921.87 | 20.16 | 28.57 | 44.25 | 5,766 | 82 |
स्रोत - आर्थिक एवं सांख्यिकीय संचालनालय म. प्र., भोपाल |
ऊपरी महानदी बेसिन में जल संसाधन मूल्यांकन एवं विकास, शोध-प्रबंध 1999 (इस पुस्तक के अन्य अध्यायों को पढ़ने के लिये कृपया आलेख के लिंक पर क्लिक करें।) | |
1 | |
2 | |
3 | |
4 | |
5 | |
6 | |
7 | |
8 | |
9 | |
10 | |
11 | सारांश एवं निष्कर्ष : ऊपरी महानदी बेसिन में जल संसाधन मूल्यांकन एवं विकास |