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भगीरथ प्रयास सम्मान
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भगीरथ प्रयास सम्मान की स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी। इसका उद्देश्य ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करना है जो नदियों के संरक्षण को लेकर काम कर रहे हैं। इंटेक, सैनड्रप, टॉक्सिक्स लिंक, पीस इंस्टीट्यूट चैरिटेबल ट्रस्ट और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इण्डिया द्वारा संयुक्त रूप से यह सम्मान दिया जाता है। असल में पानी के संरक्षण को लेकर काम करने वालों को तो कई तरह के पुरस्कार दिये जाते हैं लेकिन नदियों पर काम करने वालों को पुरस्कार नहीं दिया जाता था। पेयजल के लिये नदी की दिशा मोड़ने, भूगर्भ और सतही पानी के अन्धाधुन्ध इस्तेमाल, उद्योगों और शहरी इस्तेमाल के लिये बेतहाशा पानी के इस्तेमाल के कारण भारत की नदियों पर बहुत प्रभाव पड़ा है। इससे जैव विविधता भी प्रभावित हुई है। देश में 14 बड़ी, 42 मध्यम और 55 छोटी नदियाँ हैं।

नदियों को बचाने के प्रयास के तहत इंटेक, सैनड्रप, टॉक्सिक्स लिंक, पीस इंस्टीट्यूट चैरिटेबल ट्रस्ट और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इण्डिया ने वर्ष 2014 में इण्डिया रीवर्स वीक शुरू किया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था नदियों को लेकर काम करने वाले लोगों और संस्थाअों को एक प्लेटफॉर्म पर लाना और नदियों को बचाने के लिये नीतियों पर काम करना।

सम्भवतः यह अपने तरह का एक मात्र कार्यक्रम है जिसमें नदियों को बचाने के मुद्दे पर काम किया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नदियों को बचाने की दिशा में किये जा रहे स्थानीय प्रयासों को पहचानकर उन्हें प्रोत्साहित करना भी है।

वर्ष 2014 में शुरू हुए इण्डिया रीवर्स वीक में 150 से अधिक नदी विशेषज्ञ, योजना विशेषज्ञ, शोधकर्ता, कलाकार और कार्यकर्ताअों ने हिस्सा लिया। विशेषज्ञों ने नदियों पर अपने विचार रखे व नदियों को बचाने के लिये विमर्श किया।

इस वर्ष इण्डिया रीवर्स वीक का आयोजन 28 से 30 नवम्बर 2016 तक किया जा रहा है।

भगीरथ प्रयास सम्मान की स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी। इसका उद्देश्य ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करना है जो नदियों के संरक्षण को लेकर काम कर रहे हैं। इंटेक, सैनड्रप, टॉक्सिक्स लिंक, पीस इंस्टीट्यूट चैरिटेबल ट्रस्ट और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इण्डिया द्वारा संयुक्त रूप से यह सम्मान दिया जाता है। असल में पानी के संरक्षण को लेकर काम करने वालों को तो कई तरह के पुरस्कार दिये जाते हैं लेकिन नदियों पर काम करने वालों को पुरस्कार नहीं दिया जाता था। दूसरी बात यह है कि अधिकांश पुरस्कार ऐसे लोगों या संस्थाअों को दिये जाते हैं जिनके प्रयासों को कामयाबी मिली है लेकिन जिन प्रक्रियाअों से सफलता मिली है उसे तवज्जो नहीं मिलती है। यह देखते हुए भगीरथ प्रयास सम्मान शुरू किया गया।

इस पुरस्कार का लक्ष्य नदियों के संरक्षण की दिशा में किये जा रहे अनोखे और दीर्घकालिक प्रयास/योगदान व जमीन स्तर पर की जा रही कोशिशों को सामने लाना है जिनके बारे में लोग नहीं जानते है।

पुरस्कारों की श्रेणियाँ (2014 और 2015)


1. व्यक्तिगत
2. कार्यकर्ता
3. शोधकर्ता
4. पेशेवर
5. संगठन
6. मीडिया
7. एनजीओ
8. सामुदायिक संगठन
9. सरकार
10. अन्य

थीम आधारित श्रेणियाँ


1. जागरुकता, संरक्षण की वकालत और कानूनी कार्रवाई: नदियों के अस्तित्व पर मँडराते खतरे को कम करना या नदी को बचाने के लिये जागरुकता अभियान चलाना, मुहिम छेड़ना और कानूनी कार्रवाई के जरिए सकारात्मक प्रयास करना

2. सामूहिक साझेदारी से कार्रवाई : नदी या नदी के कुछ हिस्से के पुनरुद्धार के लिये बेहतर प्रबन्धन कर खतरे से निपटना। इसके अन्तर्गत नदियों को पुनर्जीवित करने के लिये जमीनी स्तर पर किये गए कार्यों को चिन्हित कर उन्हें प्रोत्साहित करना है।

- इस सम्मान के लिये प्रयास का तरीका, प्रयास की अवधि और इसके प्रभाव, इससे मिले परिणाम, समाज पर इसके प्रभाव आदि को देखा जाएगा। पुरस्कार निम्नांकित कामों के लिये दिया जाएगा-

1. जिन मुद्दों पर काम किया गया और जो प्रक्रिया अपनाई गई उसका महत्त्व।
2. फील्ड में किये गए काम जिनका जमीनी स्तर पर परिणाम निकला हो, या नीति बनी हो।
3. साझेदारों का नजरिया (निर्णायक समिति द्वारा फील्ड में जाने पर)
4. प्रेरणादायी कदम (उदाहरण के तौर पर कम-से-कम संसाधन और विषम परिस्थितियों में काम करना)। दीर्घकालिक (प्रोजेक्ट की अवधि के बाद पहल की अवधि) और इसकी पुनरावृति।
5. ऐसे प्रयास जिनके बारे में कोई नहीं जानता।

चयन की प्रक्रिया


पहला चरण - नामांकन
दूसरा चरण - आर्गनाइजिंग कमेटी जुलाई 16 द्वारा विचार
तीसरा चरण - निर्णायक समिति की पहली बैठक अगस्त 2016
चौथा चरण - निर्णायक समिति की अन्तिम बैठक सितम्बर 2016
पाँचवाँ चरण - पुरस्कार वितरण समारोह

कुल पुरस्कार 2 (1 व्यक्ति को, 1 संगठन को)

भगीरथ प्रयास सम्मान के लिये नामांकन

श्रेणियाँ


श्रेणी 1 - नीति को प्रभावित करने वाले प्रयास (नदी की रक्षा के लिये अभियान, वकालत और कानूनी कार्रवाई या नदियों पर मँडराते सम्भावित खतरे को टालना या रचनात्मक अभियान, वकालत और कानूनी कार्रवाई कर सकारात्मक कदम उठाना)

श्रेणी 2 - व्यावहारिक पहल (सामूहिक साझेदारी से कार्रवाई : बेहतर प्रबन्धन के जरिए खतरे को टालना और नदी को पुनर्जीवित करना। इसके तहत जमीनी स्तर पर हो रहे उन कार्यों को चिन्हित करना जिससे नदी को पुनर्जीवित करने के लिये अभिनव तरीका अपनाया गया हो)

कुल पुरस्कार - 3 (एक श्रेणी में 2 से अधिक नहीं)। यह सभी संस्थाओं; सभी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह और संगठनों के समूह के लिये हो सकता है।

चयन के नियम


1. प्रस्तावक को विषय की अच्छी जानकारी व समझ होनी चाहिए/व्यक्तिगत मनोनीत।
2. स्वयं मनोनीत करने वाले इसके योग्य नहीं होंगे: प्रस्तावक मनोनीत व्यक्ति का रिश्तेदार या सुपरवाइजर/सुपीरियर/ सहयोगी नहीं हो सकता है।
3. स्वयं मनोनीत करने वाले इसके योग्य नहीं होंगे: प्रस्तावक मनोनीत व्यक्ति का रिश्तेदार या सुपरवाइजर/सुपीरियर/ सहयोगी नहीं हो सकता है।
4. जो व्यक्ति और संगठनों को उनके काम के लिये पुरस्कार मिल चुका है और उन्हें भगीरथ प्रयास सम्मान नहीं चाहिए या मरणोपरान्त सम्मान नहीं चाहिए ऐसे मनोनयन पर विचार नहीं किया जाएगा।
5. यह सम्मान पूर्व में किये गए अच्छे कामों के लिये नहीं बल्कि भविष्य में यह काम जारी रखने के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दिया जाएगा। तीन वर्षों से कम समय से किये जा रहे कार्यों पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा।

निर्णायक समिति


1. अनुपम मिश्रा, चेयरमैन, गाँधी पीस फाउंडेशन
2. समर सिंह, वाइस चेयरमैन
3. डॉ. अमिता भविस्कर, आईईजी
4. रवि सिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इण्डिया
5. डॉ. लता अनंत, अारअारसी
6. डॉ. एस. जनकराजन, प्रध्यापकीय सलाहकार, एनअाईडीएस, चेन्नई
7. हिमांशु ठक्कर, सैनड्रप, अॉर्गनाइजिंग कमेटी की तरफ से

सुरेश बाबू एसवी
सदस्य, आर्गनाइजिंग कमेटी, इण्डिया रीवर्स वीक 2016
डायरेक्टर - रीवर्स, वेटलैंड्स एंड वाटर पॉलिसी, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इण्डिया
ईमेल - suresh@wwfindia.net
मोबाइल नं. 9818997999

मनोज मिश्र
सदस्य, आर्गनाइजिंग कमेटी इण्डिया रीवर्स वीक 2016
मोबाइल नं. 9910153601
ईमेल - indiariversweek2014@gmail.com