चेकडैम
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चेक डैम से पानी के साथ आमद भी

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रांची। गुजरात में 1.44 लाख चेक डैम हैं। पिछले 10 साल में यहां दो हजार बड़े चेक डैम बने हैं। इससे सूखा क्षेत्र में जल स्तर अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है। राज्य अब एन्वायरंमेंट फ्रेंडली स्टेट बनता जा रहा है। जोहांसबर्ग अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में यहां के चेक डैम विशेष चर्चा हुई। वैश्विक पर्यावरण के लिए इसकी सराहना की गयी। एक अध्ययन के मुताबिक, देश के 55 चीजों पर गर्व कर सकते हैं, तो उनमें एक गुजरात के चेक डैम भी हैं। योजना आयोग ने भी इसे सिंचाई और जल संरक्षण के लिए प्रभावशाली बताया है। यह भी पता चला है कि चेक डैमों से सिंचाई से साथ क्षेत्र में किसानों की आमद भी बढ़ी है।

आइआइएम का अध्ययन :

आइआइएम अहमदाबाद की टीम ने गुजरात में बनाये गये चेक डैमों का विशेष अध्ययन किया है। अध्ययन में बताया गया कि जहां चेक डैम बने हैं, उन इलाकों में लोगों की सात प्रतिशत तक आमदनी बढ़ी है। एक छोटे चेक डैम से सूखा प्रभावित इलाके में 20 बीघा जमीन की सिंचाई संभव है। इससे 621 फीट तक के कुओं में वाटर रिचार्ज हो सकता है। अधिक फसल होने के कारण यहां जमीन की कीमत भी बढ़ी है।

तीन मीटर बढ़ा जल स्तर :

स्थान जल स्तर
मध्य गुजरात 2.48 मीटर
कच्छ 1.59 मीटर
उत्तरी गुजरात 1.86 मीटर
सौराष्ट्र 4.28 मीटर
दक्षिणी गुजरात 3.08 मीटर

(गुजरात सरकार द्वारा जारी वर्ष 1996-05 के बीच बढ़े जल स्तर के आंकड़े)

चेक डैम से फायदे

खरीफ फसलों के पैदावार बढ़ सकते हैं

भूगर्भीय जल का स्तर बढ़ता है

भूमि कटाव रोकने में कारगर बारिश का पानी बरबाद नहीं होता

लिफ्ट एरिगेशन की सुविधा बढ़ेगी इलाके में जल स्रोत रिचार्ज होते हैं

भूमि अधिग्रहण की परेशानियां नहीं

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