छत्तीसगढ़ में कांक्रीटीकरण के कारण गिरता भूजल स्तर…

26 Mar 2009
0 mins read
केन्द्रीय भूजल बोर्ड की उत्तर-केन्द्रीय छत्तीसगढ़ शाखा (CGWB) द्वारा हाल में किये गये एक अध्ययन के अनुसार छत्तीसगढ़ में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, राजनांदगाँव, महासमुन्द और दुर्ग जिलों में भूजल स्तर 4 से 7 मीटर तक नीचे जा चुका है, और यह सब हुआ है नवम्बर 2007 से अक्टूबर 2008 के सिर्फ़ एक साल के भीतर। बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, कम वर्षा और ज़मीन पर हो रहे निर्माण कार्यों खासकर ज़मीन को कंक्रीट से घेरने तथा बड़ी मात्रा में सीमेंट की हेजिंग के कारण यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, इसकी वजह से भूजल का पुनर्चक्रीकरण और पुनर्भरण नहीं हो पाता है।

बोर्ड ने यह रिपोर्ट प्रदेश के 540 कुओं और बोरिंग से नमूने और डाटा एकत्रित करके बनाई है। इसके अनुसार 73 प्रतिशत से अधिक कुओं का जलस्तर 4 मीटर तक गिर चुका है, जबकि बिलासपुर, दुर्ग, जशपुर, कोरबा, राजनांदगाँव और सरगुजा जिलों में कई भूजल स्रोत पहले के मुकाबले 20 मीटर तक नीचे जा चुके हैं। CGWB के प्रादेशिक निदेशक आशीष चक्रवर्ती कहते हैं कि बिलासपुर और दुर्ग जिले कुछ विकासखण्ड तो ऐसे हैं जहाँ यह जलस्तर 25 मीटर से भी अधिक नीचे गिर गया है और इन क्षेत्रों में पानी की भारी किल्लत होने वाली है। चक्रवर्ती भी बड़ी संख्या में किये जा रहे बोरिंग और ज़मीन पर किये जा रहे भारी कांक्रीटीकरण को इसका जिम्मेदार मानते हैं।

मूल रिपोर्ट – अपर्णा पल्लवी (अनुवाद – सुरेश चिपलूनकर)

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading