दिल्ली की देहरी पर पहुंचा जनसैलाब

13 Mar 2013
0 mins read
वे यमुना की मुक्ति को महासागर मानते हैं। वे इस महासागर के महायोद्धा हैं और किसी भी हाल में पीछे नहीं हटना चाहते। जी हां, हम बात कर रहे हैं वृंदावन से दिल्ली के लिए निकले यमुना मुक्ति यात्रियों की। उन्हें रविवार को दिल्ली पहुँचना था किंतु सरकारों की खींचतान में उनके कदम थम गये हैं। इसके बावजूद उनका उत्साह कम नहीं हुआ है। यमुना की मुक्ति तक संघर्ष का संकल्प कर ये यात्रा सुबह शुरू हुई और दिल्ली की देहरी पर रुक गयी है। रविवार को यमुना मुक्ति यात्रा फ़रीदाबाद के सेक्टर 20 से सुबह दस बजे शुरू हुई। यात्री आगे बढ़ ही रहे थे कि दिल्ली व हरियाणा पुलिस की खींचतान सामने आ गयी।हरियाणा पुलिस चाहती थी कि यात्रा जल्द से जल्द दिल्ली सीमा में प्रवेश कर जाए वहीं दिल्ली पुलिस ने हाथ खड़े कर दिये। उधर जोश से भरे यात्रियों को रोकना मुश्किल हो रहा था। फिलहाल दिल्ली सीमा से कुछ दूरी पर स्थित सराय ख्वाजा में यात्रियों ने डेरा डाल दिया। इससे पूर्व शनिवार आधी रात के बाद तक यात्री राधे-राधे की धुनों पर झुमते रहे। यात्रा में ब्रज और गोकुल से आई भजनी मंडली यमुना मैया को समर्पित गीतों का ऐसा समा बांधा कि पदयात्री झूमते रहे। इस दौरान आंदोलन से संबंधित घोषणाएँ भी होती रहीं। दिल्ली पुलिस से हुई बातचीत को सभी पदयात्रियों के सामने रखा गया। साथ ही आंदोलन के आगे की रणनीति भी बताई गयी।

दूर-दूर से लोगों का आना जारी


यात्रा में सहभागिता के लिए देश भर से लोगों का आना जारी है। रविवार को इलाहाबाद, गोरखपुर से आए किसानों का जत्था काफ़िले में शामिल हुआ। इसके गुजरात से आए पुष्टि संप्रदाय के सैकड़ों समर्थक भी यात्रा में शामिल हुए। अजरौंदा चौक से सराय ख्वाजा के बीच विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने पुष्प वर्षा व फूलमालाओं ने ब्रजवासियों का स्वागत किया। यात्रियों के लिए फलाहार, शीतल पेय आदि की भरपूर व्यवस्था की गई थी। हाईवे पर दोनों ओर महिला, पुरुषों व बच्चों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कई स्थानों पर बच्चे भी हाथों में यमुना को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प व्यक्त करती हुई तख्तियां हाथों में लिए हुए थे।
Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading