दूषित पानी पीने को मजबूर हैं लोग

23 Feb 2015
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नई दिल्ली। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले दिल्ली की जनता से वादा किया था कि राजधानी में उनकी सरकार बनने के 72 घण्टे बाद ही लोगों को पेयजल संकट से मुक्त कराने का उपाय किया जाएगा। लेकिन केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 8 दिन बाद भी दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल संकट बरकरार है।

दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों के लिए पेयजल संकट वर्षों से एक बड़ी समस्या बना है। इसके चलते न सिर्फ उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है, बल्कि दूषित पानी पीने से कई बार वे बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। दिल्ली के बाहरी इलाकों में अधिकतर लोगों का जीवन टैंकर के पानी पर आश्रित हैं। हालाँकि, दिल्ली जल बोर्ड का कहना है कि राजधानी के कई अनधिकृत कॉलोनियों में कई वर्ष पूर्व ही पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन डालने का काम पूरा कर चुका है। इस काम की जब शुरुआत हुई, तो लोगों को लगा कि जल्द ही उनकी वर्षों पुरानी समस्याओं का निदान हो जाएगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका और उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। दिल्ली के किराड़ी, मुंडका, बादली, नरेला, बवाना, बुराड़ी और रिठाला जैसे क्षेत्रों में बड़ी आबादी अनधिकृत कॉलोनियों में रहती है। इन विधानसभा क्षेत्रों में 250 अनधिकृत कॉलोनियाँ हैं। यहाँ पानी की इस समस्या से लोग रोज दो-चार होते हैं। कॉलोनियों में लोगों को प्यास बुझाने के लिए जलबोर्ड के टैंकरों पर निर्भरता बनी हुई है।

समस्याओं की अनदेखी की जाती है। इस कारण लोग प्रतिदिन परेशान होते हैं। कई बार जन प्रतिनिधियों से लेकर सरकारी अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। कमल सिंह, बादली

क्षेत्र के लोगों को पानी के टैंकर पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन टैंकर भी समय पर नहीं पहुँचता है। प्रशासन हमारी परेशानियों की सुध नहीं ले रहा है। राजा, मुंडका

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